Bilaspur Railway : रेलवे परिक्षेत्र से निकलेगी सात जुलाई को रथयात्रा

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Bilaspur Railway :  ज्येष्ठ पूर्णिमा पर 22 जून को करेंगे स्नान, जुटेंगे भक्त

 

Bilaspur Railway :  बिलासपुर। रथयात्रा सात जुलाई को है। इसके पूर्व, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर महाप्रभु भगवान जगन्नाथ 22 जून को 108 कलश जल, गंगाजल और पंचामृत से स्नान करेंगे। मान्यतानुसार, इस स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाएंगे और 15 दिनों के विश्राम के बाद रथयात्रा के दिन पुनः भक्तों को दर्शन देंगे।

 

Bilaspur Railway :   रथयात्रा के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है और भक्तजन भगवान जगन्नाथ के भव्य स्नान और आगामी रथयात्रा के उत्सव को लेकर उत्साहित हैं। इस पवित्र अवसर पर रेलवे कालोनी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होकर महाप्रभु के दर्शन करेंगे और उनकी आराधना करेंगे। बिलासपुर में भक्तों का उत्साह चरम पर है। शहर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है।

 

भक्तजन भगवान जगन्नाथ के भव्य स्नान और आगामी रथयात्रा के उत्सव को लेकर उत्साहित हैं। इस पवित्र अवसर पर, बिलासपुर के श्रद्धालु महाप्रभु के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, वहीं मंदिर में विशेष आयोजन होंगे। रेलवे परीक्षेत्र स्थित श्रीजगनाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ को महास्नान कराया जाएगा। सुबह आठ बजे से पूजा प्रारंभ होगी।

Bilaspur Railway :   स्नान के बाद महाप्रभु बीमार हो जाएंगे और उनका जड़ी बूटी से उपचार किया जाएगा। इसके भोग का वितरण शुरू होगा। मंदिर के पट 15 दिनों के लिए बंद हो जाएगा। वहीं, महास्नान के बाद महाप्रभु के मंदिर का पट अमावस्या पांच जुलाई तक बंद रहेगा। इसके बाद छह जुलाई को नेत्रोत्सव के साथ पट खुलेगा। सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक पूजा-अर्चना होगी। भगवान भक्तों को दर्शन देंगे। सात जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी।

 

रथ निर्माण का काम तेज

 

रथयात्रा को लेकर रथ निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। मंदिर प्रांगण में भगवान के रथ का कार्य शुरू हो गया है। भगवान के रथ के समानों को एकत्रित कर लिया गया है। रथ की लकड़ियों की पूजा-अर्चना हुई। समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई। मंदिर के रंगरोगन का कार्य अंतिम चरण में है। भगवान जगन्नाथ शहर का भ्रमण करते हुए अपनी मौसी मां के घर जाएंगे।

 

छह जुलाई को खुलेंगे मंदिर के पट

 

महास्नान के बाद मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। पांच जुलाई तक पट बंद रहेंगे। रथ प्रतिष्ठा छह जुलाई को होगी। भगवान स्वस्थ होने के बाद सात जुलाई को गुंडिचा यात्रा (रथयात्रा) निकाली जाएगी। वे बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ भक्तों को दर्शन देते हुए मौसी मां के घर जाएंगे। वहां वे नौ दिन रहेंगे। मौसी मां के घर में विभित्र धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

रथयात्रा रेलवे क्षेत्र जगन्नाथ मंदिर से निकलकर तितली चौक, रेलवे स्टेशन, तारबाहर, गांधी चौक, तोरवा थाना काली मंदिर होते हुए गुडिचा मंदिर पहुंचेंगी। इसी रास्ते से बहुणा यात्रा 15 जुलाई को निकलकर मंदिर पहुंचेगी।

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