Bilaspur Guru Ghasidas Central University : अब सीयू की चमक बिखरेगी अंतरराष्ट्रीय फलक पर , मशीन से आयन बीम का सफल परीक्षण

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Bilaspur Guru Ghasidas Central University : सीयू:भौतिकी विभाग में स्थापित 3.0 एमवी पेलेट्रान एक्सेलरेटर (त्वरक) मशीन से आयन बीम का सफल परीक्षण

 

Bilaspur Guru Ghasidas Central University :  बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में स्थापित 3.0 एमवी पेलेट्रान एक्सेलरेटर (त्वरक) मशीन से आयन बीम का सफल परीक्षण किया गया। कुलपति प्रो.आलोक कुमार चक्रवाल ने कंट्रोल रूम में स्थित कमांड कंप्यूटर पर क्लिक कर किया। शोध के क्षेत्र में इस मशीन की बड़ी भूमिका होगी। अंतरराष्ट्रीय फलक पर अब सीयू की चमक बिखरेगी।

नैक से ए डबल प्लस ग्रेडिंग हासिल करने के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय नित सफलता के नए कीर्तिमान रच रहा है। शुक्रवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। कुलपति प्रो.चक्रवाल के द्वारा भौतिकीय विज्ञान विद्यापीठ के अंतर्गत शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त भौतिकी विभाग में स्थित 3.0 एमवी पेलेट्रान एक्सेलरेटर (त्वरक) मशीन से आयन बीम का सफल परीक्षण कंट्रोल रूम से किया। उन्होंने कहा कि तीन मिलियन वोल्ट की विभव क्षमता पर कार्य करने वाली भारत की विश्वविद्यालय स्तर पर इकलौती क्रियाशील मशीन है। उन्होंने अतंर विश्वविद्यालय एक्सेलरेटर केंद्र (आईयूएसी), नई दिल्ली के निदेशक प्रो.अविनाश चंद्र पांडेय के सक्रिय रचनात्मक सहयोग और सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया।

 

शोध के क्षेत्र में मिलेगी सहायता

कुलपति प्रो.चक्रवाल ने कहा कि मध्य भारत में स्थित यह त्वरक केंद्र आने वाले समय में भारत के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों में लो एनर्जी आयन के द्वारा शोध एवं अनुसंधान के लिए उपयुक्त केन्द्र साबित होगा। यह एक्सेलरेटर मशीन अंतरविषयक शोध जिसमें फार्मेसी, मटेरियल साइंस, अर्कियोलाजी, जीव विज्ञान, केमिस्ट्री, फोरेसिंक साइंस, जैव प्रौद्योगिकी, माइनिंग, नैनो टेकनालॉजी, पर्यावरण विज्ञान आदि में शोध के साथ ही खनन तथा अन्य उद्योगों को तकनीकी परामर्श तथा गुणवत्ता संवर्धन में सहायता प्रदान करेगा।

मध्य भारत का विलक्षण मशीन

 

विशेषज्ञों ने माना कि शीघ्र ही एक्सेलरेटर मशीन अंतराष्ट्रीय फलक पर अपने उत्कृष्ठ शोधों हेतु जाना जाएगा। भारत के मध्य क्षेत्र में स्थित यह विलक्षण एक्सेलरेटर मशीन उच्च शिक्षा, शोध के साथ ही औद्योगिक परामर्श और विकास के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद् ने अभी हाल ही में ट्रायल रन की अनुमति प्रदान की है जिसके अनुक्रम में अभी परीक्षण किए जा रहे हैं।

 

शोधार्थियों में दिखा उत्साह

 

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प्रशिक्षण के दौरान शोधार्थियों में जबरदस्त उत्साह नजर आया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अभय रणदिवे, आईयूएसी, नई दिल्ली के विज्ञानी डा. सुनील ओझा, सतीनाथ गरगरी व रेडिएशन सेफ्टी अफसर वीरेंदर कुमार,डा. शिव पूजन पटेल, शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं त्वरक केंद्र के प्रभारी प्रो. एमएन त्रिपाठी, प्रो. पारिजात ठाकुर, डा. जय सिंह, डा.अवधेश कुमार दुबे सहित अन्य उपस्थित थे।

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