Bilaspur : बिलासपुर जिले के युवा उद्यमियों के लिए अच्छी खबर, कोनी में एमएसएमई सेंटर के निर्माण हेतु 200 करोड़ की राशि प्रस्तावित

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Bilaspur : कोनी में एमएसएमई सेंटर के निर्माण हेतु 200 करोड़ की राशि प्रस्तावित

Bilaspur : बिलासपुर। युवा उद्यमियों के लिए अच्छी खबर है कि आने वाले दिनों में अपने सपने और करियर को ऊंची उड़ान दे सकेंगे। ऐसा इसलिए कि सुक्ष्म लघु व मध्यम मंत्रालय ने एमएसएमई टेक्नोलाजी सेंटर स्थापना की अनुमति दे दी है। इस टेक्नोलाजी सेंटर से लघु व मध्यम उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। जरूरत के मुताबिक श्रमिकों को प्रशिक्षित कर कुशल बनाया जाएगा। इससे कुशल कारीगर तैयार होंगे। उद्योगों को द्वारा निर्मित वस्तुओं की जांच होगी।

Bilaspur : उद्योगों को लगने वाले डाई व मशीन कलपुर्जों का निर्माण होगा। यह सेंटर उद्योगपतियों के संपर्क में रहेगा और उनकी मदद के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। 200 करोड रुपये की लागत से एमएसएमई टेक्नोलाजी सेंटर की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इसके निर्माण के लिए नोडल एजेंसीज भारत सरकार के संस्थान इरकान को बनाया गया है।

छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ प्रदेशाध्यक्ष हरीश केडिया की मांग पर भारत सरकार एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव एके सिंह की अध्यक्षता में बीते दिनों राज्य सरकार के सीएसआइडीसी उद्योग संचानालय रायपुर में हुई थी। हरीश केडिया ने कहा कि नए उद्योग स्थापना के लिए जमीन की अत्यंत कमी है, जिसके कारण नए उद्यमी नहीं आ पा रहे हैं। निजी क्षेत्र में औद्योगिक प्रक्षेत्र की स्थापना को प्रोत्साहन दिए जाने और उसके लिए राष्ट्रीय नीति बनाए जाने की जरूरत है।

 

केंद्र सरकार एमएसएमई मंत्रालय के अधिकारी देशभर में एमएसएमई स्थापना में हो रही रुकावट की जानकारी लेने आए थे। एमएसएमई क्षेत्र की उत्पादन क्षमता को बढाने एवं तकनीकी, वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उद्योग संघ प्रतिनिधि एवं उद्योग अधिकारियों से वे चर्चा कर रहे थे। संयुक्त सचिव भारत सरकार एके सिंह ने बताया कि लघु उद्योग क्षेत्र की जरूरतों का अध्ययन करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ संस्था ई एंड वाई को इस कार्य के लिए अनुबंधित किया गया है।

 

शासन से मांगी गई थी 20 एकड़ जमीन

 

Bilaspur : बिलासपुर में 200 करोड़ की लागत से केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई (लघु एवं मध्यम उद्योग) टेक्नोलाजी सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार से 20 एकड़ जमीन मांगी गई थी। सरकार की ओर से प्रस्तावित तीन जगहों का निरीक्षण कर चयन करने के लिए केंद्र ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया था। इनमें संयुक्त निदेशक एमएसएमई डीआइ रायपुर, मुख्य महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र बिलासपुर, प्रभारी सीएसआइडीसी, उप महाप्रबंधक एमएसएमआइ, टेक्नोलाजी सेंटर दुर्ग व छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ को शामिल किया गया था।

 

इन्हें मिलेगा लाभ

 

श्रमिकों के लिए रोजगार का द्वार भी खुलेगा। इसकी मांग छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक संघ ने की थी। इस पर केंद्र सरकार के सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने टेक्नोलाजी सेंटर की स्थापना करने की स्वीकृति दी। इसके अलावा बिल्डिंग, प्लांट व मशीनरी चलाने के लिए 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। इस पर राज्य सरकार ने सीपत के पास सेलर में जमीन भी दी, लेकिन वह पसंद नहीं आई। बिलासपुर में स्थापित होने के बाद प्रदेश का यह दूसरा सेंटर होगा। इससे संभाग के लिए उद्योगों के विकास में मददगार साबित होगा। इस सिलसिले में बीते दिनों उद्योग संघ ने इरकान के द्वारा बनाई जा रही डीपीआर के लिए तकनीकी अफसरों के साथ बैठक की।

 

विश्वसनीय टेस्टिंग लैब की हो स्थापना

 

हरीश केडिया ने कहा की एमएसएमई टेक्नोलाजी सेंटर की स्थापना तक इस तरह की परिचर्चा होती रहे। टेक्नोलाजी सेंटर में ट्रेनिंग प्रोग्राम और मशीन की स्थापना इस प्रकार हो कि स्थानीय और आसपास के उद्योगों को उसका फायदा पहुंचे। साथ ही सेंटर में बड़े विश्वसनीय टेस्टिंग लैब की स्थापना हो। परिचर्चा का आयोजन जय दुर्गा एग्रो इंडस्ट्रीज, सेक्टर बी, सिरगिट्टी में किया गया।

 

इनकी रही उपस्थिति

 

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उद्योगपति अरुण अग्रवाल एके प्रोडक्ट, हरीश केडिया बिलासपुर प्लास्टिक, राहुल छुगानी, राम सुखीजा, सतीश कुमार शाह, अंकुर अग्रवाल, नवनीत अग्रवाल, शिव कुमार अग्रवाल, प्रकाश त्रिवेदी, चंद्रशेखर नायक, हनुमान अग्रवाल, शरद सक्सेना, अनिल सलूजा एवं अन्य सदस्य गण उपस्थित रहे l

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