(Bhopal’s daughter Saumya) भोपाल की बेटी सौम्या ने रचा इतिहास, अंडर 19 विश्वकप के फाइनल में विजयी रन बनाकर भारत को दिलाया खिताब

(Bhopal's daughter Saumya)

(Bhopal’s daughter Saumya) भोपाल की सौम्या तिवारी की साहसिक पारी से भारत ने जीता विश्वकप

(Bhopal’s daughter Saumya) भोपाल । भोपाल की बेटी सौम्या तिवारी ने इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित करा लिया है। सौम्या ने अंडर 19 विश्वकप के फाइनल में विजयी रन बनाकर भारत को खिताब दिलाया। जब सौम्या ने विजयी रन बनाया तो उसकेे माता पिता ने टीवी पर फूलों की वर्षा कर अपने बेटी का विजयी तिलक किया।

(Bhopal’s daughter Saumya) सौम्या के पिता मनीष तिवारी ने बताया कि हमारा परिवार पूरे समय तक सांसे रोककर सौम्या का कारनामा देखा। मनीष तिवारी ने कहा कि हमारी बेटी ने हमारे साथ ही प्रदेश और देश का नाम रोशन कर दिया है। सौम्या भाोपाल और मप्र की पहली महिला खिलाड़ी है, जिसने अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता है।

(Bhopal’s daughter Saumya)  इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 68 रन ही बना सकी थी। जवाब में भारत ने तीन विकेट खोकर 69 रन बनाकर सात विकेट से यह मुकाबला जीत लिया। इसमें सौम्या तिवारी ने नाबाद 24 रनों की पारी खेली। इसमें उसके तीन चौके शामिल थे।

(Bhopal’s daughter Saumya)  सौम्या के रचना नगर स्थित घर में जीत का जोरदार जश्न परिवार के लोगों ने मनाया, माता पिता और बहन ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई, टीवी की आरती उतारी गई। जैसे ही जीत के की खबर सुनी परिवार और अन्य जानने वालों के फोन का तांता लग गया। पिता मनीष तिवारी ने बताया कि जब बेटी खेलने गई थी, तब ही जीत का वादा किया था।

(Bhopal’s daughter Saumya)  मां भारती ने इस मौके पर कहा कि बेटी ने फक्र से सिर ऊंचा किया। हमें उस पर नाज है। बता दें कि मैच शुरू होने के एक घंटे पहले से सौम्या की मां पूजा पर बैठ गई थीं। वे लगातार बेटी की जीत के लिए प्रार्थना करती रहीं।
सौम्या कि माता पिता ने कहा कि क्रिकेट ही उसके लिए सब कुछ है, वह विराट कोहली की सबसे बड़ी प्रशंसक है। लेकिन उनसे अभी तक उनकी मुलाकात नहीं हुई है। विश्वकप जीतने के बाद उनका यह सपना जल्दी साकार होगा।

सौम्या सरकारी कर्मचारी मनीष तिवारी की छोटी बेटी हैं। 10 साल की उम्र में सौम्या को क्रिकेट खेलने का शौक चढ़ा। फिर क्या था, घर में रखी कपड़े धोने की मोगरी और प्लास्टिक के बैट से क्रिकेट खेलना शुरू किया। बेटी के क्रिकेट के प्रति लगन को देखकर पिता मनीष और मां भारती तिवारी ने अरेरा क्रिकेट अकादमी में भर्ती करा दिया।

(Bhopal’s daughter Saumya)  बड़ी बहन साक्षी ने भी उसका साथ दिया। सौम्या को घर से अकादमी लाने ले जाने के दौरान परिवार को चुनौतियां भी उठानी पड़ी। पिता ने बताया कि कई बार मजबूरी होती थी कि सौम्या को अकादमी छोड़ नहीं पाते, लेकिन वह कभी प्रैक्टिस से छुट्टी नहीं करती थी। इसलिए परिचित उसे लेकर जाते थे। जब तक वह घर नहीं आ जाती, तब तक डर बना रहता था।
सौम्या ने अकादमी में कोच सुरेश चेनानी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त किया।

(Bhopal’s daughter Saumya)  वह अपनी उम्र से बड़ी लड़कियों और लडक़ों के साथ प्रैक्टिस करती थीं। वह बल्लेबाजी- गेंदबाजी दोनों ही करती हैं। इसके दम पर उसे अब तक हरफनमौला प्रदर्शन किया है।

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