Bhilai Breaking मिट्टी की शिल्पकला पर तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला : देशभर के कलाकार करेंगे अपनी कला का प्रदर्शन

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“रमेश गुप्ता”
Bhilai Breaking  चीनी मिट्टी कला में नए आयाम गढ़ने होगा संवाद

Bhilai Breaking  भिलाई। सिरेमिक (चीनी मिट्टी) और टेराकोटा (मिट्टी) शिल्पकला पर तीन दिवसीय वार्षिक कार्यशाला ‘मातर’ का आयोजन 29,30 व 31 अक्टूबर को मैत्रीकुंज रिसाली में किया गया है। इस कार्यशाला में स्थानीय कलाकारों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से कलाकार भाग लेंगे।

Bhilai Breaking  विशेषकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के शिल्पकला के विद्यार्थी भी इसमें अपनी हिस्सेदारी देंगे। इस दौरान कलाकार नए शिल्प तैयार करेंगे और अपनी कला को नए आयाम देने आपस में संवाद भी करेंगे। शिविर के एक दिन पहले कलाकारों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है और कई कलाकार यहां पहुंचने के साथ ही नए शिल्प तैयार करने में जुट गए हैं।

Bhilai Breaking  आयोजन से जुड़ीं लेमन सिरेमिक स्टूडियो भिलाई की संचालक विजया त्रिपाठी ने कहा कि मातर कला शिविर के माध्यम से मिट्टी एवं सिरेमिक के द्वारा निर्मित कलाकृतियों को लोगों तक पहुंचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। वहीं इस कला के तकनीकी पहलू के बारे में कलाकारों तक इसकी सही जानकारी व समझ विकसित करना हमारा उद्देश्य है।

Bhilai Breaking  आयोजन में भागीदार रामरक्षा फाउंडेशन के क्यूरेटर चिरायु सिन्हा ने कहा कि टेराकोटा (मिट्टी) की कला हमारे भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही है इस कला के माध्यम से घरेलू सामग्री, मिट्टी के बर्तन और महिलाओं के लिए आभूषण का निर्माण किया जाता था। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर टेराकोटा का मध्य भारत का एकमात्र मंदिर है।

Bhilai Breaking  उन्होंने बताया कि शिविर में लखनऊ और भोपाल सहित देश के विभिन्न हिस्सों के कलाकार भी भाग ले रहे हैं। यह कलाकार छत्तीसगढ़ राज्य के कलाकारों के साथ मिलकर एक कला जुगलबंदी करेंगे। जिसमें राज्य के कलाकारों को नए प्रकार की विधा सीखने को मिलेगी।

Bhilai Breaking  यहां भाग लेने वाले कलाकारों में निर्मला शर्मा भोपाल, पृथ्वीराज सिंह देव, शिव प्रसाद चौधरी, हुकुम लाल वर्मा राजनादगांव, विजया त्रिपाठी भिलाई, भानु प्रकाश बालोद, धनंजय पाल भिलाई, प्रेम शंकर प्रसाद, विशाल गुप्ता लखनउ, कुलेश्वर राम कुरुद, मनीषा वर्मा खैरागढ़, सुरेश कुंभकार, धर्म नेताम, चंद्रपाल पांजरी बालाघाट ,विमल फूटन रायपुर, करुणा सिधार रायगढ़, तृप्ति खरे, महासमुंद मनीषा वर्मा, खैरागढ़ कृष्णा दास, गुंजन शर्मा, मोहन बराल भिलाई, सविपराज प्रजापति, राजेंद्र सुनगरिया भिलाई, विभूति जैन, देशना जैन रूपेश्वरी चंदील धूमका राजनादगांव और राधिका चौहान शामिल है।

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