राजकुमार मल
Bhatapara news बेहद अहम पैरा की रस्सी का विकल्प
Bhatapara news भाटापारा- स्थिर है दरी क्लॉथ से बनी रस्सियों की कीमत। तेजी के आसार इसलिए बन रहे हैं क्योंकि कटी हुई फसल की ढुलाई सिर पर ही करनी होगी। इसके पीछे, खेत का गीला होना और पगडंडियों के अब तक नहीं सूखने जैसे कारण सामने आ रहें हैं।
कभी भी बदल जा रहा मौसम। कभी भी बरसते बादल। खेतों में जमा पानी की निकासी में दिक्कत। यह सब, फसल कटाई से लेकर खलिहान तक पहुंचने के हर रास्ते बंद कर चुकें हैं। लिहाजा छोटी लेकिन बेहद अहम पैरा की रस्सी का विकल्प बन चुकी, दरी की रस्सी की मांग बढ़ सकती है। फिलहाल कीमत स्थिर है और उपलब्धता भरपूर है। इसलिए ठहरी हुई है इसकी प्रति सैकड़ा कीमत।
इसलिए जरूरत
Bhatapara news समय था मानसून की विदाई का लेकिन जिस तरह ठहरा हुआ है और बरस रहा है, उसके बाद खेतों से पानी की निकासी में दिक्कत हो रही है। नमी की मात्रा, मानक से ज्यादा तो है ही, पगडंडियांं भी गीली हैं। इसलिए तैयार फसल की कटाई हाथों से करनी होगी और परिवहन सिर पर करना होगा मतलब रस्सियों की होगी भरपूर जरूरत।
नहीं बनती अब पैरा की रस्सियां
Bhatapara news खेती के काम में यंत्रों का चलन बढ़ने के साथ ग्रामीण अब पैरा से रस्सियां नहीं बनाते। नई पीढ़ी के किसान इस काम में रुचि नहीं दिखा रहे। इसलिए पहले नारियल के रेशे से बनी रस्सियां काम में लाई गई। अब बीते 5 साल से दरी क्लॉथ की रस्सियों की मदद ली जा रही हैं। सीमेंट इकाइयों में उपयोग के बाद यह क्लॉथ के रूप में बाजार पहुंच रही है।
इस कीमत पर
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Bhatapara news दरी क्लॉथ से बनी रस्सियों के होलसेलर और रिटेलर कमल अग्रवाल का कहना है कि मजबूती और दीर्घ अवधि तक चलने के गुणों की वजह से किसान इसकी खरीदी करते हैं। इस बार कीमत स्थिर है। 3 फीट लंबी और 100 नग वाली रस्सी के बंडल 220 से 230 रुपए में खरीदे जा सकेंगे।