Bhatapara News परेशान किया, परेशान करेंगे…!

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राजकुमार मल

Bhatapara News खलिहान में खरपतवार प्रबंधन कड़ी चुनौती

Bhatapara News भाटापारा- खूब परेशान किया बोनी के समय। अब चुनौती देंगे खलिहान तैयार करते वक्त। झाड़ियों में बदल रहे खरपतवार से भरा पड़ा है खलिहान, जिसके प्रबंधन में न केवल पसीना बहाना पड़ेगा बल्कि अच्छी-खासी रकम भी खर्च करनी पड़ेगी किसानों को।

Bhatapara News बादल,बारिश और कीट प्रकोप जैसी समस्या से रोज दो-चार हो रहे किसानों को अब खलिहान की तैयारी करनी है क्योंकि बालियां परिपक्वता अवधि में आने लगीं हैं। इसके पहले पगडंडियां भी दुरुस्त करनी है लेकिन सभी जगह खरपतवार बड़ी बाधा बन रही है क्योंकि मौसम का साथ इसे खूब मिल रहा है। ऐसी स्थिति में पौधों की ऊंचाई न केवल असामान्य रुप से बढ़ी हुई है बल्कि जड़ें भी गहरे तक जा चुकी हैं। लिहाजा खरपतवार नाशक ही अंतिम उपाय मानी जा रही है।

Bhatapara News खलिहान में यह खरपतवार

Bhatapara News मौसम ने भरपूर साथ दिया। अब भी मिल रहा है। इसलिए चिरैय्या,झाडूबन,सूबबूल, बबूल और बेर के पौधे इस बार खलिहान में खूब दिखाई दे रहें हैं। इसके अलावा सांवा,
चुहरी,दूब और रक्सी जैसी प्रजातियों की भी मौजूदगी भरपूर संख्या में दिखाई दे रही है। मालूम हो कि खरपतवार में इन प्रजातियों को सबसे ज्यादा खतरनाक माना गया है।

तब भी,अब भी

Bhatapara News मानसून के शुरुआती दौर में जिस तेजी से खरपतवार की इन प्रजातियों ने जैसा फैलाव लिया था,वैसी ही स्थिति खलिहान तैयारी के पूर्व भी दिखाई दे रही है। कीट-प्रकोप का सामना कर रहे किसानों को अब खरपतवार से निपटना है। जिस तरह पहले रकम खर्च की थी, वैसी ही स्थिति से अब फिर से सामने है। याने खरपतवार नाशक दवाओं की खरीदी अनिवार्य रूप से करनी होगी।

कम और ज्यादा

खलिहानों की सफाई के लिए खरपतवार नाशक दवाओं की दो किस्में मिलती हैं। पहला, छिड़काव के 24 घंटे के भीतर असर दिखाने वाली और दूसरा 2 से 3 दिन में असर करने वाली। इसमें पहली किस्म की प्रति लीटर की खरीदी पर 350 से 380 रुपए लगेंगे, तो दूसरी किस्म की खरीदी पर 600 से 650 रुपए खर्च करने होंगे। कीमत तो यथावत है लेकिन मजदूरी दर ज्यादा चुकानी होगी।

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