Bhatapara Market : प्रांगण पैक, सड़क जाम, फिर भी मंजूर है इंतजार…

Bhatapara Market :

राजकुमार मल

 

Bhatapara Market :  खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की 60 प्रतिशत खरीदी पूरी

 

 

 

Bhatapara Market :  भाटापारा- क्षमता 30000 क्विंटल प्रतिदिन। आवक 2 गुना। कभी-कभी तो तीन गुना के करीब। प्रांगण में प्रवेश और बाद के काम में लगते, कम से कम तीन दिवस। मंजूर है यह इंतजार। वजह केवल एक- फसल की उच्च कीमत का मिलना।

चालू माह के दूसरे सप्ताह से रबी फसल की आवक की गति, न केवल एक लय में बनी हुई है बल्कि मात्रा भी बढ़ रही है। यह स्थिति कम से कम 8 से 10 दिन तक और बनी रहने की संभावना है क्योंकि पोहा और चावल मिलों की जरूरत है लगभग 40 फ़ीसदी अभी भी शेष है।

कवर्धा सबसे आगे

 

Bhatapara Market :  जिले की सीमा से लगा हुआ सारंगढ़, बिलाईगढ़ जिला। दूसरा कोना बिलासपुर जिला और लगा हुआ दुर्ग और बेमेतरा जिला। पहले से आती रही है दुर्ग जिले की फसल। कवर्धा जिला इस बार रबी फसल की आवक के लिए विशेष पहचान इसलिए बना रहा है क्योंकि कुल आवक में इसकी हिस्सेदारी लगभग 25 फ़ीसदी की बताई जा रही है। यह इसलिए भी कि रबी फसल की अच्छी कीमत मिल रही है।

प्रांगण पैक, सड़क जाम

 

Bhatapara Market :  कृषि उपज मंडी प्रांगण की क्षमता लगभग 30000 क्विंटल की है। जबकि आवक दोगुनी है। ऐसे में बारी आने में लगभग 2 दिन का समय लग रहा है। यही वजह है कि सड़क जाम हो चुकी है। प्रतीक्षा की घड़ियां लंबी होने के बावजूद यह स्थिति मंजूर कर रहे हैं किसान क्योंकि फसल की उच्च कीमत मिल रही है। भुगतान की समस्या है ही नहीं।

लगेंगे कम से कम 10 दिन और

 

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पोहा और चावल बनाने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां इस समय बारिश और खरीफ की नई फसल की आवक तक के लिए भंडारण कर रहीं हैं। बाद के दिनों में समर्थन मूल्य पर खरीदी के दौरान भी इकाइयों का नियमित संचालन अनिवार्य है। इसलिए शत- प्रतिशत भंडारण का लक्ष्य लेकर चल रहीं इकाइयों ने लगभग 60 फीसदी भंडारण पूरा कर लिया है। शेष 40 फीसदी के लिए हो रही खरीदी पूरा होने में कम से कम 10 दिन का समय और लगने की संभावना है।

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