राजकुमार मल
Bhatapara Market मांग- मंडी मे निर्माण शीघ्र हो
Bhatapara Market भाटापारा- पहला पत्र 10 जुलाई 2021 को प्रबंध संचालक, राज्य मंडी बोर्ड को। दूसरा पत्र 25 अप्रैल 2022 को सचिव, कृषि उपज मंडी को। प्रांगण में अव्यवस्था को दूर करने के लिए यह आग्रह पत्र पोहा मुरमुरा निर्माता कल्याण समिति ने दिया था। नहीं दिखाई गई गंभीरता, ना लिया संज्ञान। अब यह परेशानी प्रांगण से बाहर होती हुई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों तक पहुंचती नजर आ रही है।
किसान, श्रमिक, अभिकर्ता, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां और कृषि उपज का परिवहन करने वाली गाड़ियों को रोज-रोज होने वाली अंतहीन परेशानियों का विस्तार से न केवल हवाला दिया गया था इस पत्र में बल्कि हल के लिए उपाय भी सुझाए गए थे लेकिन पहल के लिए कदम उठाया जाना तो दूर, ध्यान तक नहीं दिया गया। परिणाम अंदर-बाहर जाम की स्थिति बन चुकी है।
Bhatapara Market किया था यह आग्रह
प्रबंध संचालक को लिखे आग्रह पत्र में प्रांगण में शेड की संख्या बढ़ाने और शेड के नीचे की जगह बारिश के दिनों के लिए खाली रखने की मांग की गई थी। प्रांगण में नए चबूतरे और नई नालियों का निर्माण भी फौरन करवाए जाने पर जोर दिया गया था ताकि कृषि उपज की गुणवत्ता प्रभावित ना हो। स्थाई मजदूर की संख्या में वृद्धि को अहम इसलिए बताया गया था क्योंकि पिछले कुछ अरसे से उत्पादन और आवक में चार गुना वृद्धि हो चुकी है। इसी अनुपात में श्रमिकों की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए।
Bhatapara Market दूसरी चिट्ठी में यह बात
25 अप्रैल 2022 को मंडी सचिव को लिखे पत्र में रबी फसल के दिनों में होने वाली दिक्कतों का हल प्राथमिकता से किए जाने का आग्रह था। रबी सत्र में आवक को देखते हुए महिला एवं पुरुष श्रमिकों के साथ तौल श्रमिकों की संख्या बढ़ाने की मांग की थी। कृषि उपज लाने वाली गाड़ियों के लिए टोकन सिस्टम को अहम माना था ताकि प्रांगण में जाम जैसी स्थिति नहीं बने। शेड की मरम्मत और नई नालियों की जरूरत भी बताई गई थी। इसके अलावा रोज की आवक के लिए एक दिवस पूर्व खाली जगह की व्यवस्था करने को अनिवार्य माना था।
Bhatapara Market बाहर-भीतर, एक जैसा हाल
बीते एक पखवाड़े से रबी फसल की जैसी आवक बनी हुई है, उसने व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। अपेक्षित संख्या में मजदूरों की उपस्थिति का नहीं होना समस्या की बड़ी वजह बनी हुई है, तो प्रांगण के भीतर और बाहर गाड़ियों की कतार। शेड पैक। जबकि संभावित हालात की जानकारी पहले से ही पोहा मुरमुरा निर्माता कल्याण समिति ने दे दी थी लेकिन न बोर्ड ने कदम उठाए, ना मंडी प्रशासन ने पहल की।
Bhatapara Market बहुत जल्द निदान
प्रांगण की स्थिति को देखते हुए कर्मचारियों और श्रमिकों को अवकाश के दिन काम पर आने के निर्देश दिए जा चुके हैं। रही बात अन्य समस्याओं के हल की, तो सभी पक्षों से विचार विमर्श के बाद फैसला लेंगे।
— एस एल वर्मा, सचिव, कृषि उपज मंडी ,भाटापारा
नई मंडी जरूरी
पूरे साल कृषि उपज की मांग रहती है। ऐसे में चौतरफा आवक होती है। वर्तमान स्थितियां में नियमित कामकाज में बाधा बनी हुई हैं।