Bhanupratappur Shanti Foundation : शान्ति फाउंडेशन का अभिनव पहल,चार मानसिक रोगियों को भेजा गया रिहैब सेंटर

Bhanupratappur Shanti Foundation :

Bhanupratappur Shanti Foundation : प्रदेश में 8 वर्षों से संचालित शान्ति फाउंडेशन का अभिनव पहल

 

 

 

Bhanupratappur Shanti Foundation : भानुप्रतापपुर। शान्ति फॉउंडेशन समाजिक संस्थान के द्वारा गुरुवार को रात्रि में नगर एवं आस-पास क्षेत्र में लावारिश हालत में घूम रहे चार मानसिक रोगियों की तलाश कर शान्ति फाउंडेशन के अध्यक्ष तुषार ठाकुर एवं सहयोगी साथी राधे साहू, महंत लाल गुप्ता के द्वारा समुचित उपचार के लिए के रिहैब सेंटर कोंडागांव भेजा गया है।

बता दे कि विगत कई वर्षों से शांति फाउडेशन के द्वारा पूरे प्रदेश एवं अन्य प्रदेश के जो लावारिस हालत में घूम रहे सैकड़ो मानसिक रोगियों का उपचार कराते हुए समाज के मुख्यधारा में जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया गया है।

 

 

तुषार ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि विगत कई दिनों से नगर एवं आस-पास क्षेत्र में चार मानसिक रोगी घूम रहे है। जिनकी सूचना लोगो के द्वारा शांति फाउंडेशन को दी गई जिसके बाद उन सभी की तलाश करते हुए कोंडागांव भेजा गया है। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन का मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगो को समुचित उपचार कराते हुए समाजिक धारा से जोड़ना है।

 

Bhanupratappur Shanti Foundation :  प्रदेश सहित अन्य राज्यो के मानसिक रोगी विक्षिप्त हालत में घूमते हुए मिले है, जिन्हें शासकीय प्रक्रिया के साथ मेन्टल हॉस्पिटल बिलासपुर भेजा गया। ठीक होने उपरांत या तो उनके घर भेज दिया जाता है या फिर कोंडागांव स्थित शान्ति फाउंडेशन रिहैब सेंटर भेज दिया जाता है। कई ऐसे लोग है जिन्हें ठीक Rkha उपरांत जीविकापार्जन हेतु व्यवसाय के लिए फाउंडेशन के द्वारा आर्थिक मदद किया गया है।

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ठाकुर ने बताया कि जो एक लड़का इसमें है जिसका जवान लड़का जिसका पैर खराब हो गया पैर काटना पड़ जाता है में कीड़े लग चुके हैं उसे उचित देखरेख के साथ उसका इलाज हो सकता है जिसके लिए रिहैब सेंटर बहुत जरूरी था , और एक जो रनवाही के पहाड़ों जंगलों में जंगली जानवरों के बीच सोता था एक साल से कई बार शांति फाउंडेशन से घर भेजने की कोशिशकी लेकिन वह नहीं गया !

 

 

अंततः उसे भी शांति फाउंडेशन ने रिहैब सेंटर भेज दिया है, और एक माखन जो पूर्व भेजा गया था जिसके परिवार की लापरवाही से दोबारा इसका ट्रीटमेंट नहीं कराया गया जिसकी वजह से उसकी पुर्नवृत्ति हुई, और एक सूरज जो रिहैब सेंटर से ही भाग करआया था इन सभी को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शान्ति फाउंडेशन ने मुहिम चलकर शहर को लावारिस मुक्त कर, जिम्मेदार व्यक्तित्व का परिचय देकर समाज को पिछले 8सालों से ऐसे सामाजिक कार्यों को अपने फाउंडेशन के माध्यम से कर के पिछड़े गरीब अपाहिज़ मानसिक रोगियो बेसहारों का सहारा बन तुषार ठाकुर और उनकी टीम समाज को नई दिशा और सीख दे रही है ।

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