Bhanupratappur : मिलर्स एवं खाद्य अधिकारी के लापरवाही से समिति को हो रही लाखो का नुकसान

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Bhanupratappur :  सैकड़ो क्विंटल धान खुले में रखे जाने से शार्टेज,कर्मचारी परेशान

 

Bhanupratappur :  भानुप्रतापपुर। मिलर्स  एवं खाद्य अधिकारी के लापरवाही के चलते समिति को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नियमतः यदि समय पर धान का उठाव किये होते तो शायद समिति में यह स्थिति निर्मित नही होती। भानुप्रतापपुर क्षेत्र के अंतर्गत रानवाही धान खरीदी केंद्रे में 3453 बोरा कुल 1381.20 क्विंटल शार्टेज, हाटकोंदल  धान खरीदी केंद्रे में 3216 बोरा कुल 1286.40 क्विंटल शार्टेज, केवटी धान खरीदी केंद्रे में 8424 बोरा कुल 3369.60 क्विंटल शार्टेज, वही सम्बलपुर धान खरीदी केंद्रे में 1157 क्विंटल धान के सुखद शार्टेज बताया जा रहा है। अब समिति के कर्मचारी लाखों रुपये के भरपाई कैसे करेंगे ये सोच कर मानसिक रूप से परेशान है।

Bhanupratappur : बता दे कि शासन की नियम देखो तो धान खरीदी के साथ ही उठाव होते रहना चाहिए लेकिन अधिकारियों के लापरवाही के चलते ऐसा नही होता है। वही अगर बम्फर लिमिटेड यानी धान खरीदी केंद्र में क्षमता से अधिक धान की आवक हो गई है इसे तत्काल 72 घंटे में उठाव हो जाना चाहिए लेकिन इसमें भी अधिकारी रूचि नही दिखाते है। जिससे समिति के कर्मचारियों को धान रखने में भारी असुविधा, व जोखिम उठानी पड़ती है। भानुप्रतापपुर इसका सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है।

बता दे कि नियम शर्तो की बात करे तो एजेन्ट समिति द्वारा उपार्जन केन्द्रों में किसी आपदा से धान क्षति होने पर बीना का क्लेम जिला विपणन अधिकारी के माध्यम से निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत किया जायेगा। समिति द्वारा आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने के उपरान्त भी जिला विपणन अधिकारी द्वारा निर्धारित समयावधि में क्लेम प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो हुई हानि के लिए एजेन्ट समिति उत्तरदायी नहीं होगी।

खरीदी केन्द्र में धान की बफर स्टॉक की सीमा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के द्वारा तय किया जावे। खरीदी केन्द्र में धान की मात्रा बफर स्टॉक की सीमा से ज्यादा होने पर 72 घंटे के भीतर उसका शीघ्र उठाय किया जावे।

Bhanupratappur : एजेन्ट समिति द्वारा खरीदे गये धान का परिवहन विपणन संघ द्वारा यथा संभव एक माह के भीतर कराया जायेगा तथा एजेन्ट समिति द्वारा खरीदे गये सम्पूर्ण धान का उठाव दिनांक 28.02.2024 तक अनिवार्य रूप से करा लिया जाये ।

इस सम्बंध में हाटकोंदल के धान केंद्र के प्रभारी भूपेश पटेल, रानवाही के धान केंद्र के प्रभारी चेतन नेताम, केवटी के धान केंद्र के प्रभारी अनिल टांडिया एवं सम्बलपुर के धान केंद्र के प्रभारी आत्मा राम कल्लो ने जानकारी देते हुए बताया कि मिलर्स एवं खाद्य निरीक्षक को समय पर धान का उठाव करना चाहिए लेकिन इनके द्वारा समय पर उठाव नही करते है, जिससे धान रखे रखे सूखते जाते है, खुले में रखने के कारण चूहा से नुकसान एवं खराब मौसम के चलते धान खराब हो जाती है। और अंत मे धान में शार्टेज व मौसम से धान खराब हो गए है। अब इसकी भरपाई समिति के ऊपर डाल दिये है हम कहा से करेंगे। महीने में हमे वेतन के रूप में मात्र 6 हजार रुपये मिलते है, लाखो रुपये की भरपाई कैसे करेंगे।

 

कर्मचारियों ने बताया कि जिला विपणन अधिकारी के द्वारा

Bhanupratappur : धान के रखरखाव सहित हमाल, बिजली, चौकीदार, त्रिपाल सहित अन्य खर्चे के लिए प्रति क्विंटल की दर से राशि दी जाती है। जो बहुत ही कम है। वही धान खरीदी केंद्रों में धान रखने के लिए शेड बनाये रखने चाहिए ताकि धान सुरक्षित रखा जा सके लेकिन गिनेचुने सेंटरों में यह व्यवस्था है। अधिकांश केंद्र आज भी खुले में किया जा रहा है।

बता दे कि मिलर्स को धान उठाव के लिए 15 फरवरी को आर ओ काटा गया है। जिनमे राजहंस राईस भानुप्रतापपुर, राजहंस फूड्स भानुप्रतापपुर, अशोक राईस मिल भानुप्रतापपुर, एवं नारायणन कांकेर जिनके द्वारा समय पर धान का उठाव नही किया गया।

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जे जे नायक खाद्य अधिकारी कांकेर का कहना है कि धान खरीदी का काम जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी बैंक एवं समिति की है। क्योंकि डीएमओ बैंक को राशि जारी करती है, खरीदी समिति से की जाती है और उनका भुगतान जिला सहकारी बैंक के माध्यम से किया जाता है। यदि हम पर आरोप लगा रहे है वो गलत है।

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