Bhanupratappur Breaking लाल ईंट ठेकेदार पर मेहरबान हैं खनिज व राजस्व विभाग
Bhanupratappur Breaking भानुप्रतापपुर। क्षेत्र में प्रतिबंधित लाल ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार बढ़ते जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी के कारण इन ईंट भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद हैं तथा वे प्रतिबंधित लाल ईंटों का उत्पादन खुलेआम कर रहे हैं। पिछले एक महिनों से खनिज अधिकारी भूपेंद्र चंद्राकर द्वारा जांचकर कार्यवाही करने की बात कही जा रही हैं लेकिन एक माह बाद भी विभाग के कोई अधिकारी कर्मचारी जांच करने भी नहीं पहुंचे। भानुप्रतापपुर ब्लॉक अन्तर्गत दर्जनों गांवों में अवैध लाल इट भट्टे संचालित की जा रही है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
Bhanupratappur Breaking प्रत्येक दो हजार इटों को आठ हजार रूपये में बेची जा रही है। बता दें कि क्षेत्र के अनेकों गांव में न केवल ईट भट्टो का अवैध कारोबार होता है बल्कि यहां पर अवैध रेत उत्खनन और मिट्टी का उत्खनन भी जोरों से होते आ रहा है। गर्मी सामने है और पानी के लिए लोगों को काफी परेशानी होती है। नदी-नाले में जलस्तर गिर रहा है, ऐसी स्थिति में ईट भट्ठा संचालक बोर और नदी से पानी लेकर लाखों की तादात में ईट का निर्माण कर रहे हैं।
जिसके प्रति विभाग के अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं ईंट भट्ठा मजदूरों का अब तक ठेकेदार के द्वारा कोई पंजीयन नहीं कराया गया है, जबकि मजदूरों का पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। ठेकेदार सारे नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर मजदूरों से ईट भट्ठा में ईट का निर्माण करा रहा है।
पर्यावरण को हो रहा नुकसान
Bhanupratappur Breaking अवैध इट भट्टों से ग्रामीण क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। दूसरी ओर ईंट भट्टों के कारण निकलने वाला धुआं लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है, जिससे आम नागरिक खासे परेशान है। नदियों के समीप ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर ईंट भट्टों का संचालन लंबे समय से जारी है जो पर्यावरण के साथ साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक है।
अवैध ईट भट्ठा संचालन की कार्रवाई को लेकर जिला खनिज विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। ईट संचालकों द्वारा बड़े पैमाने पर ईट का निर्माण करने के लिए शासकीय व निजी जमीन का खनन किया जा रहा है। इससे पर्यावरण तो प्रभावित हो ही रहा है।