Bhagwat Katha : रीमद् भागवत कथा में कृष्ण चरित्र पूतना वध वैष्णवी माया का कथा श्रवण कराया ऋतंभरा

Bhagwat Katha : रीमद् भागवत कथा में कृष्ण चरित्र पूतना वध वैष्णवी माया का कथा श्रवण कराया ऋतंभरा

Bhagwat Katha : रीमद् भागवत कथा में कृष्ण चरित्र पूतना वध वैष्णवी माया का कथा श्रवण कराया ऋतंभरा

 Bhagwat Katha : सक्ती नगर मे माछरौलिया गोयल परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन साध्वी ऋतंभरा देवी ने बताया कि

Bhagwat Katha : रीमद् भागवत कथा में कृष्ण चरित्र पूतना वध वैष्णवी माया का कथा श्रवण कराया ऋतंभरा
Bhagwat Katha : रीमद् भागवत कथा में कृष्ण चरित्र पूतना वध वैष्णवी माया का कथा श्रवण कराया ऋतंभरा

Sadhvi Ritumbhara : साध्वी ऋतुंभरा ने आज शौर्य दिवस के अवसर पर श्याम वाटिका में श्रद्धालुओं से भेंट में सबको आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा

 Bhagwat Katha :संसार के समस्त प्राणियों का जन्म अपने कर्मों के कारण होता है किंतु भगवान का अवतार होता है केवल करुणा और विश्व के कल्याण के लिए , वे अजन्मा तो कहलाते हैं परंतु विश्व का कल्याण उनके अवतार का

लक्ष्य है । भगवान कहते हैं अपने कर्म को सत्कर्म में बदल डालो और यदि कर्म बिगड़ गया तो भगवन नाम से प्रायश्चित भी कर लो कलयुग में भगवान नाम ही सर्वोपरि है जिस प्रकार वस्तु शक्ति किसी की श्रद्धा

की अपेक्षा नहीं करती , वह अपना प्रभाव दिखाती ही है , जैसे आग को छूने वाला जलता है , जहर को पी लेने वाला मरता है , चाहे वह ज्ञान अज्ञान किसी भी अवस्था से क्यों ना हो सक्ती नगर में आयोजित श्रीमद्

भागवत कथा के पांचवें दिन श्री कृष्ण चरित्र का सरस वर्णन करते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता साध्वी ऋतंभरा देवी ने यह उद्गार प्रकट किए l

https://jandhara24.com/news/130404/story-of-lady-don-anuradha/

नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में प्रतिदिन हजारों श्रोता सरस कथा दिव्य ज्ञान एवं जीवंत झांकियों के साथ सत्संग लाभ का आनंद प्राप्त कर रहे हैं , व्यासपीठ से साध्वी ऋतंभरा देवी भक्तजनों को कथा

श्रवण कराते हुए बताया कि कृष्ण के द्वारा पूतना वध  कृष्ण की वैष्णवी माया , नामकरण संस्कार , ऊखल बंधन , कालिया नाग मर्दन , गोवर्धन लीला एवं छप्पन भोग , की कथा का वर्णन किया उन्होंने

कहा कि कृष्ण द्वारा गोवर्धन महाराज की पूजा करने के लिए पूरे गांव वालों से कहा और नंद बाबा से कहा कि जो गोवर्धन पर्वत हमारे गायों के लिए भोजन देता है कहकर गोवर्धन नानक छप्पन भोग के साथ

पूजा अर्चना किया सब देखकर क्रोधित हो उठा और उसके द्वारा पवन वर्षा को कहा कि पूरे नंदगांव को पानी में डूबा दो और नष्ट कर दो इंद्र का आदेश पर नंद गांव नेट अपारदर्शी आंधी तूफान आने लगा

वासुदेव कृष्ण भगवान ने अपनी कनिष् उंगली में गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सभी गांव वालों को उसमें आश्रय दिया जो व्यक्ति भगवान की निष्काम भाव से पूजा अर्चना करता है उसे भगवान इसी प्रकार आश्रय

देते है दीदी ने बताया कि श्रीमद्भागवत एक अध्यात्म दीप है और इसका आश्रय लेकर मनुष्य भगवत परायण बनते हैं । भागवत की कथा को केवल सुनने के लिए नहीं सुनना चाहिए बल्कि उसे आत्मसात कर

अपने जीवन को धन्य करना चाहिए । और श्रीकृष्ण की कथा भागवत का मुख्य उद्देश्य है। जो मनुष्य के विचलित मन को शांत कर देता है श्रीमद्भागवत कथा ऐसी कथा है जो हर व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है भागवत कथा मे हजारों लोग भागवत कथा श्रवण कर पुण्य का लाभ ले रहे हैं

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