Ayushi Murder Case : पिता ने क्यों मारी इकलौती बेटी को गोली, मां ने ट्रॉली बैग में रखा शव, पढ़ें खौफनाक घटना की पूरी कहानी
Ayushi Murder Case : झूठी शान की खातिर पिता नितेश यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से दो गोलियां मारकर अपनी इकलौती पुत्री आयुषी (22) की हत्या कर दी. हत्या में उसकी पत्नी ब्रजबाला भी शामिल थी। पुलिस ने दंपती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने युवती की कार, लाइसेंसी रिवॉल्वर और मोबाइल बरामद कर लिया है।
ये थी हत्या की वजह
Ayushi Murder Case : हत्या की वजह मां और पिता को बताए बिना शादी करना है। युवती ने करीब एक साल पहले आर्य समाज मंदिर में उसके साथ रहकर पढ़ाई कर रहे राजस्थान के भरतपुर निवासी छत्रपाल गुर्जर से शादी की थी।
वह उससे छुप-छुप कर बार-बार मिलती थी। टोके जाने के बाद भी नहीं मानने पर इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। आयुषी दिल्ली के देहली ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बीसीए की छात्रा थी।
कार्यवाहक एसएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में बताया कि पिता नितेश ने 17 नवंबर को दोपहर 2 बजे मकान नंबर 2461, गली नंबर 65, ब्लॉक ई/2 मोलरबंद एक्सटेंशन, बदरपुर, नई दिल्ली में अपनी बेटी को दो
गोलियां मार कर मार डाला था. . . इसके बाद दंपति ने अपनी कार में लाल रंग के ट्रॉली बैग में बेटी के शव को पैक किया और 17 नवंबर की सुबह 3 बजे वृंदावन होते हुए आगरा-दिल्ली हाईवे होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे पहुंचे.
पिता ने क्यों मारी गोली, मां ने ट्रॉली बैग में रखा शव, पढ़ें खौफनाक घटना की पूरी कहानी
इधर, 18 नवंबर की सुबह छह बजकर 50 मिनट पर ट्राली बैग को कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाडिय़ों में फेंककर एक्सप्रेस-वे से लौट गए।
सुबह 5 बजे हाईवे स्थित कोटवन टोला प्लाजा और सुबह 7.10 बजे मांट टोल प्लाजा से गुजरते समय दंपती की कार सीसीटीवी में कैद हो गई। ज्ञात हो कि यह परिवार मूल रूप से जिला देवरिया ग्राम सोनाड़ी थाना भलुअनी का रहने वाला है.
बता दें कि 18 नवंबर की सुबह यमुना एक्सप्रेस के सर्विस रोड पर कृषि अनुसंधान केंद्र के पास झाड़ियों में एक ट्रॉली बैग मिला था. बच्ची की लाश ट्रॉली बैग में थी। इसके 48 घंटे के भीतर पुलिस मृतक के घर पहुंच गई। रविवार देर शाम मृतका की मां और भाई ने पहचान की।
राया पुलिस के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे मां और भाई ने मुंह ढके हुए थे. पुलिस ने जैसे ही पोस्टमॉर्टम हाउस के अंदर कमरे में घुसकर फ्रीजर खोला तो शव को देख मां और भाई फूट-फूट कर रोने लगे। जोर-जोर से सिसक-सिसक कर मां-बेटे ने एक-दूसरे को गले लगा लिया। 10 मिनट बाद दोनों बाहर आए।
आयुषी के पिता नीतीश कई सालों से परिवार के साथ दिल्ली के मोड़ बांध गांव में रह रहे हैं. नीतीश की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान है। जबकि आयुषी बीसीए की छात्रा थी।