Art Of Living Course : जिला कारागार मे आर्ट ऑफ लिविंग का कोर्स, कैदी हुए योग से परिचित
सम्पन्न हुआ आर्ट ऑफ लिविंग का हेप्पीनेस कोर्स
सुजीत वैदिक
आज की जनधारा सुकमा
Art Of Living Course : सुकमा : द आर्ट ऑफ लिविंग व्यक्ति विकास केंद्र के तत्वावधान मे सुकमा ज़िलें मे जेलप्रशासन तथा जेलर श्री राजेश बिसेन के सहयोग से वरिष्ठ प्रशिक्षक अजय सिह व सहायक शिक्षक विश्व राज सिंह के नेतृत्व मे आठ :दिवसीय गैर आवसीय आनंद अनुभूति हैप्पीनेस प्रोग्राम का आयोजन सम्पन्न हुआ .प्रशिक्षण श्री सिंह के नेतृत्व मे 45
Art Of Living Course : से अधिक लोगों ने भाग लेकर प्राणायाम सुदर्शन क्रिया, सूर्य नमस्कार योग,ध्यान रोचक खेलों व दिव्य प्रक्रियाओं के माध्यम से जीवन जीने की कला का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया, प्रशिक्षण मे शामिल हुए प्रशिक्षार्थियो ने रोगमुक्त शरीर,तनावमुक्त मन,कम्पन्नमुक्त श्वास ,हिंसा व नशामुक्त समाज व प्रदूषण मुक्त वातावरण के निर्माण,अनुशासन के साथ
साथ स्वस्थ रहने के लिए कैसे दिनचर्या अपनाए श्री सिंह ने विस्तार से उपस्थित बंदियो को बताया वर्षो के बाद आयोजित इस प्रशिक्षण मे प्रशिक्षार्थियो ने पूरे मनोयोग से उत्साह के साथ भाग लिया। प्रातः 5 बजे से 8 बजे तक लगातार 8 दिनों तक चले इस प्रशिक्षण के अंतिम दिवस पर विविध प्रकार के ज्ञानवर्धक आयोजन किये गये। कार्यक्रम
के समापन के अवसर पर प्रशिक्षार्थियो ने अपने अनुभवों को एक दूसरे के साथ साझा किया।
जेल मे कोर्स से सकारात्मकता का विस्तार होगा
वर्षो से योग ध्यान कोर्ष मे विशिष्टता प्राप्त योग आयोग के सदस्य रह चुके अजय सिंह बैस ने बताया की सालों-साल कारावास में होने के कारण कैदियो मे जो नेगेटिव प्रभाव कैदियो के मन पर पडता है जो अत्यधिक नुकसान दायक होता है जिससे क्रोध की भावना , घबराहट और निराशा बढ़ने लगती है। अधिकांश कैदी अपने भीतर एक दृढ़ विश्वास
उत्पन्न कर लेते हैं कि वे कभी भी अपराधों के मन मे पडे प्रभाव से बाहर नहीं निकल पाएंगे । उनकी रिहाई पर, मुख्यधारा से समाज में उनका जुडने के प्रयासों को एक चुनौती मिलती है ।समाज उन्हें स्वीकार नही कर पाता जिससे बहुत से कैदी अपनी रिहाई के बाद भी फिर अपराध की दुनिया से वापस लौट जाते है जिससे अपराधी और अपराध मे
डूबता जाता है इसलिए कोर्स का होना जरूरी है….कोर्स के उपरांत बंदियों ने तनाव मुक्ति,बेहतर स्वास्थ, प्रसन्नता,शांति, रोगमुक्ति,और सकारात्मकता के अनुभव की बात की ….शिविर के आयोजन में जेल प्रशासन, कर्मचारियों तथा अमन सिंह, प्रतीक चंद्राकर, आकाश गुप्ता, तामेश सागर, प्रांजल भदौरिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा