America India : गौरवशाली यात्रा शुरू

America India :

America India भारत लोकतंत्र की ‘जननी है, तो अमेरिका आधुनिक लोकतंत्र का ‘चैंपियन

America India प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की पहली आधिकारिक यात्रा समाप्त करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों की एक नयी, गौरवशाली यात्रा शुरू हो गई है। वाशिंगटन स्थित रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग एंड इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच साझेदारी की पूर्ण क्षमता अब तक साकार नहीं हुई है और दोनों देशों के संबंध 21वीं सदी में दुनिया को फिर से बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं।

प्रधानमंत्री ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, विनिर्माण को बढ़ावा देने और औद्योगिक आपूर्ति शृंखला को मजबूत बनाने के लिए हुए समझौतों का जिक्र करते हुए कहा कि वैश्विक मुद्दों पर दोनों देशों के रुख में समानता दिखी है और उनके बढ़ते संबंध मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड से जुड़े प्रयासों को बढ़ावा देंगे।

मोदी ने कहा, भारत लोकतंत्र की ‘जननी है, तो अमेरिका आधुनिक लोकतंत्र का ‘चैंपियन है और दुनिया इन दो महान लोकतंत्रों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत होता देख रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम (भारत और अमेरिका) साथ मिलकर न सिर्फ नीतियां और समझौते तैयार कर रहे हैं, बल्कि हम जीवन, सपनों और नियति को आकार भी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश बेहतर भविष्य के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं। यह मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर काहिरा रवाना होने से पहले अमेरिका में मोदी का आखिरी कार्यक्रम था।

सभागार के अंदर और बाहर मौजूद प्रवासी भारतीयों ने इस घोषणा का तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के पेशेवर इससे लाभान्वित होंगे और (इस संबंध में) एक पायलट परियोजना इसी महीने शुरू की जाएगी।

उन्होंने संकेत दिया कि अनुभव के आधार पर यह सुविधा एल-श्रेणी के वीजा (एक कंपनी की अलग-अलग शाखाओं में स्थानांतरण से संबंधित वीजा) के मामले में भी उपलब्ध कराई जा सकती है। मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के लिए सेवाओं को सुगम बनाना भारत की प्राथमिकता है और अब देश सिएटल में एक तथा दो अन्य अमेरिकी शहरों में दो नये वाणिज्य दूतावास खोलेगा।

मालूम हो कि वाशिंगटन में अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडैन से हर रोज विभिन्न मुद्दों पर गहन बातचीत की। भारत में लड़ाकू विमान के इंजन बनाने के जनरल इलेक्ट्रिक के फैसले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि इस फैसले से अमेरिका न केवल प्रौद्योगिकी, बल्कि आपसी विश्वास भी साझा करेगा। प्रधानमंत्री ने कई प्रमुख अमेरिकी कंपनियों के भारत में कई क्षेत्रों में निवेश करने के फैसले का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे भारत में रोजगार, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, आप यह देखकर गौरवान्वित महसूस करते हैं कि भारत की ताकत कैसे दुनिया के विकास को नयी दिशा दे रही है। भारत आज उन देशों में से एक है, जिसकी अर्थव्यवस्था इतनी तेज गति से बढ़ रही है। दुनिया आपके भारत को देख रही है। ‘मोदी-मोदी के नारों के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तरक्की के पीछे की सबसे बड़ी वजह उसका आत्मविश्वास है।

उन्होंने कहा, सैकड़ों वर्षों की गुलामी ने देश का आत्मविश्वास छीन लिया था, लेकिन नये भारत ने आज अपना आत्मविश्वास वापस पा लिया है। मोदी ने कहा कि नया भारत अपनी राह और दिशा जानता है तथा उसे अपने निर्णयों एवं संकल्पों को लेकर कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि देश अब अपनी क्षमता को प्रदर्शन में बदल रहा है। मोदी ने यह भी कहा कि भारत सरकार की मदद से ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में एक तमिल अध्ययन पीठ स्थापित की जाएगी।

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उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से इस तथ्य पर गर्व करने को कहा कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। उन्होंने 100 से अधिक पुरावशेषों को वापस करने के अमेरिकी सरकार के फैसले पर भी खुशी जाहिर की, जो अवैध तरीके से भारत से बाहर ले जाए गए थे। प्रधानमंत्री ने भारत और भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए अमेरिकी सरकार की सराहना की और कहा कि इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।

 

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