हिंगोरा सिंह
Ambikapur latest news : बस्तर संभाग की यात्रा : अनमोल औषधि और धन संपदाओं से भरा पड़ा है भारत माता की गोद
Ambikapur latest news : अंबिकापुर ! तस्वीर देख कर आप कहेंगे यह पत्थर है। जी हां यह रास्ते का पत्थर ही है। यह उस क्षेत्र, पहाड़, पथ, का पत्थर है जो बस्तर के आबादी का, जंगल, नदी नालों, पेड़, परबतों के बर्बादी का, संघर्ष का कारण बना हुआ है। प्रकृति (ईश्वर) ने भारत माता के गोद को अकूत धन संपदाओं से भर रखा है।
जी हां भारत राष्ट्र के केंद्र और राज्य प्रदेशों में जहां जहां वनस्पति,खनिज संपदा है उसकी पाचन यदि हो गई तो वह अनमोल औषधि है, रत्न है। पहचाना नहीं गया तो कंटक, कचरा ब्यर्थ है।
युगों से पारखी निगाहों ने वनस्पतियों, पत्थरों की पहचान कर उसकी उपयोगिता को संसार के सामने जैसे ही रखा संघर्ष की खूनी शुरुवात उसी समय से प्रारंभ हुआ।
इन संघर्षों में प्रकृति और प्रकृतिवादी जनो (जन समुदाय) का विनाश तब से आज तक, और आज से तब तक जारी रहेगा जब तक उस क्षेत्र में दोहन कार्य का अंत नहीं हो जाता।
छत्तीसगढ़ का सरगुजा हो या बस्तर संभाग खनिजों के दोहन के लिए प्रकृति का नैसर्गिक विनाश निश्चित है। क्षेत्र के वनवासी जंगली जनजातियों का मातृ पितृ – भू भागों से जुड़ाव लगाव प्राणी संवेदनाओं का भावनात्मक रूप है ?