Health advisory issued : रात भर पवित्र गुफा में रुकने से बचें अमरनाथ यात्री, जारी हुई हेल्थ एडवाइजरी

Health advisory issued :

Health advisory issued : अमरनाथ यात्रा के दौरान पवित्र गुफा में रात में रुकने से बचें: डीएचएसके

 

Health advisory issued : श्रीनगर !  जम्मू-कश्मीर सरकार ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू होने से लगभग 48 घंटे पहले स्वास्थ्य परामर्श जारी कर तीर्थयात्रियों से आग्रह किया है कि वे ऊंचाई और मौसम की कठोर एवं अप्रत्याशित परिस्थितियों को देखते हुए रात भर पवित्र गुफा में रुकने से बचें।


कश्मीर स्वास्थ्य सेवा के निदेशक (डीएचएसके) ने गुरुवार को एक परामर्श जारी कर कहा, “अगर आपको ऊंचाई से समस्या होने लगे तो आगे न बढ़ें, इसके बदले तुरंत उस ऊंचाई तक नीचे उतरें, जहां जलवायु आपके अनुकूल हो।”


कुल 52 दिन तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा 29 जून को मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में बालटाल और दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में नुनवान पहलगाम मार्गों से शुरू होगी।


Health advisory issued : परामर्श में श्रद्धालुओं को ऊंचाई और कठोर एवं अप्रत्याशित मौसम को देखते हुए पवित्र गुफा में रात भर रुकने से बचने की सलाह दी गई है। इसमें कहा गया कि श्री अमरनाथ जी के तीर्थ मार्गों पर अत्यधिक ऊंचाई पर यात्रा करते समय अगर किसी तीर्थयात्री को कोई समस्या होती है, तो निकटतम स्वास्थ्य सुविधा केंद्र से संपर्क करें, जिसे मार्ग पर लगभग प्रत्येक दो किमी के अंतराल पर स्थापित किया गया है।


परामर्श में तीर्थयात्रियों से कहा गया है कि तीर्थयात्रा के दौरान वे चढ़ाई के दौरान धीरे-धीरे चलें और थोड़ी देर के लिए आराम करने के लिए समय निकालें, खासकर खड़ी ढलान पर, अपनी सामान्य क्षमता से ज्यादा परिश्रम करने से बचें।


परामर्श में कहा गया कि यात्रा शिविर स्थलों पर लंबे समय तक आराम करें, समय सुनिश्चित करें और अगले स्थान की ओर जाते समय डिस्प्ले बोर्ड पर बताए गए आदर्श समय निर्देश का लाभ उठाएं।


इसने उन तीर्थयात्रियों को भी सलाह दी है जो डॉक्टर की सलाह पर कोई दवा ले रहे हैं, वे इसे लेना जारी रखें।


Health advisory issued : परामर्श में कहा गया है कि निर्जलीकरण और सिरदर्द से निपटने के लिए बहुत सारा पानी पीएं और थकान को कम करने, निम्न रक्त शर्करा के स्तर को रोकने और तेल और फैटी भोजन लेने से बचने के लिए बहुत सारे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।”


इसमें तीर्थयात्रियों से पर्याप्त ऊनी कपड़े साथ ले जाने का भी आग्रह किया है: एक जैकेट, गर्म इनर, ऊनी मोजे, दस्ताने; टोपी, पतलून, मफलर, स्लीपिंग बैग; विंडचीटर; रेनकोट; वाटरप्रूफ जूते और एक छाता, क्योंकि ट्रैक पर मौसम प्रायः अप्रत्याशित होता रहता है।

 

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स्वास्थ्य निदेशक ने अपने परामर्श में तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि वे चक्कर आना, आराम करने पर भी थकान में सुधार न होना, सिरदर्द, भूख न लगना, मतली या उल्टी, आराम करने पर तेजी से नाड़ी (हृदय गति) चलना, त्वचा का नीला पड़ना (सायनोसिस), सीने में जकड़न या कंजेशन, खांसी, खांसी में खून, चेतना में कमी या सामाजिक संपर्क में कमी, त्वचा रंग धूसर या पीला रंग होना, एक सीधी रेखा में चलने में असमर्थता होना, या बिल्कुल भी चलने में असमर्थता होना, आराम से सांस लेने में तकलीफ या किसी भी प्रकार सीने में दर्द होने पर मार्ग में स्थापित स्वास्थ्य सुविधा केंद्र से संपर्क करें।

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