Eye Fest : नेत्र उत्सव के बाद सात जुलाई को निकलेगी भव्य रथयात्रा

Eye Fest :

Eye Fest : बिलासपुर के चौक -चौराहों में रथयात्रा का होगा भव्य स्वागत

 

Eye Fest : बिलासपुर। गुरुवार को अणसार कक्ष में सेवा में जुटे विशेष पुरोहितों के चेहरे में खुशी झलक रही। औषधीय जड़ी बुटी असरकारक रही। महाप्रभु अब स्वस्थ हो रहे हैं। प्रतिदिन फलों का रस भी अर्पित किया जा रहा है।

बता दें कि अणसार कक्ष में अभी 56 भोग नहीं लग रहा। स्वास्थ्य ठीक होने के बाद ही अर्पित किया जाएगा। इधर मंदिर परिसर को सजाने संवारने के साथ रंग-रोगन का कार्य अंतिम चरण में है। रथ प्रतिष्ठा छह जुलाई को की जाएगी। इसी दिन भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर पुनः खोला जाएगा।

सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक पूजा-अर्चना होगी। इस दिन को नेत्रउत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस साल रथयात्रा का आयोजन सात जुलाई को होगा। भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के साथ रथयात्रा पर निकलेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे।

रथयात्रा का होगा भव्य स्वागत

Eye Fest : रथयात्रा रेलवे क्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर तितली चौक, रेलवे स्टेशन, तारबाहर, गांधी चौक, तोरवा थाना काली मंदिर होते हुए गुडिचा मंदिर पहुंचेगी। नौ दिनों तक भगवान गुडिचा मंदिर में रहेंगे, जहां विभित्र धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। 15 जुलाई को बहुड़ा यात्रा के साथ भगवान वापस मंदिर लौटेंगे। जहां सभी चौक-चौराहों में महाप्रभु का भव्य स्वागत होगा।

 

क्यों पड़ गए थे भगवान बीमार

मान्यता के अनुसार देव पूर्णिमा के अवसर पर भगवान श्री श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को पुरोहितों द्वारा 108 कलश जल और 64 प्रकार की जड़ी-बूटियों से महास्नान कराया गया। इसके बाद महाप्रभु बीमार हो गए और अणासार कक्ष में विश्राम के लिए चले गए। इस अवधि के लिए मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद कर दिए गए हैं। यहां यहां गुप्त अनुष्ठान के साथ 64 औषधीय जड़ी बुटियों से सेवकों द्वारा इलाज जारी है।

मंदिर में लहराएगा नया ध्वज

Eye Fest :  मंदिर के सचिव एस बेहरा ने बताया कि मंदिर की स्थापना के बाद रथयात्रा की परंपरा शुरू हुई, जो अब अपने 28वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। पिछले 20 सालों तक पुरी के कारीगर दास इस रथ का निर्माण करते थे, लेकिन पिछले डेढ़ दशक से उनके सहयोगी राजकुमार इस कार्य को संभाल रहे हैं। आज के समय में रथ निर्माण में एक लाख से अधिक का खर्च आता है और हर साल रथ के कपड़े और झंडे बदलते हैं।

मौसी मां के घर जाएंगे भगवान

 

Bulldozing campaign : बुलडोजर अभियान ने मुक्त कराई 36 करोड़ की जमीन

भगवान स्वस्थ होने के बाद सात जुलाई को गुडिचा यात्रा (रथयात्रा) निकाली जाएगी। वे बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ भक्तों को दर्शन देते हुए मौसी मां के घर जाएंगे। वहां वे नौ दिन रहेंगे। मौसी मां के घर में विभित्र धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। समिति की ओर से इसके लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं। मौसी के घर में महाप्रभु के आगमन को लेकर जोरशोर से तैयारी चल रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MENU