Adani Power Plant : प्लांट से निकलने वाले फ्लाइएश के डंपिंग का उचित प्रबंधन नहीं
Adani Power Plant : खरोरा । अडानी पावर प्लांट का चारों तरफ विरोध शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों नौकरी देने का वादा कर झुनझुना पकड़ाने वाले अडानी पावर प्लांट का इधर उधर फैली राखड़ ग्रामीणों का स्वास्थ्य लगातार गिरा रही है। इसके चलते ग्रामीणों का आक्रोश सातवे आसमान में है। ग्राम पंचायत रायखेड़ा के समस्त ग्रामवासियों ने प्लांट प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
दरअसल ग्राम पंचायत रायखेड़ा विकासखंड तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर में अडानी पावर लिमिटेड द्वारा मेगावाट पावर प्लांट लगाया गया है,जो कि लगभग 15 वर्षों से स्थापित है। वर्तमान में अडानी पावर द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में विस्तार करने के लिए 22 जून शनिवार को ग्राम पंचायत ताराशिव में जनसुनवाई रखी गई है। इसका ग्रामीणों ने विरोध किया है।
पावर प्लांट से लगे ग्राम पंचायत रायखेड़ा के आश्रित ग्राम एवं वार्ड क्रमांक 20 भाठापारा प्लांट के निकटतम होने से समस्त ग्रामवासी को पावर प्लांट से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्लांट की बाउंड्री वॉल एवं राखड़ के लिए बनाया गया डैम गांव से लगा हुआ है। प्लांट से निकलने वाला धुंआ, कोयला का डस्ट एवं कोयले का राखड़ से ग्रामवासियों को सांस लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान में इतनी दिक्कतों का सामना करने के उपरांत भी प्लांट प्रबंधन द्वारा ग्रामवासियों को किसी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं जैसे उचित मेडिकल सुविधा, पेयजल की उचित व्यवस्था, गांव के युवकों को किसी प्रकार के रोजगार उपलब्ध नहीं करना एवं कुछ रोजगार में लगे हुए युवकों को बंधवा मजदूर की तरह काम कराना, रोजगार में लगे हुए युवकों को समय-समय पर काम से निकालने की धमकी देना इत्यादि शामिल है।
विकराल होती समस्याओं के कारण ग्रामवासियों ने प्लांट के विस्तार का विरोध शुरू कर दिया है। अडानी पावर लिमिटेड द्वारा किए जा रहे विस्तार को रोकने के लिए समस्त ग्रामवासियों ने विरोध प्रदर्शन करने की ठान ली है। एक पत्र जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को देकर आंदोलन में शामिल होने आमंत्रित किया गया है। ग्रामवासियों ने आंदोलन में सहयोग की अपेक्षा करते हुए प्लांट के विस्तार को रोकने के लिए प्रार्थना की है।
अडानी प्लांट से रोजाना निकल रहा हजारों टन फ्लाइएश जिस जगह डाला जाता है,वहां जमीन बंजर हो जाती है। फ्लाइएश को डालने के लिए अनुमति कही और की ली गई है और हर गांव में अवैध मुरुम खोदाई कर गड्डे पाटने के लिए
फ़लाईएश को डाल दिया जा रहा है। वही कई जगह जानवर इसमें फ़स कर मर रहे है। फ्लाइएश हवा में उड़कर लोगों के स्वास्थ्य को गिरा रहा है। फ्लाइएश ट्रांसपोर्ट करने के लिए रोजाना सैकडों हाइवा अडानी पावर से निकलता है,जिसको धककर भी नहीं ले जाते जिसके कारण लोगो को तकलीफ हो रही है। प्लांट विस्तार करने फिर पेड़ काटे जायेंगे,जिससे गांव की हरियाली खत होगी।
इस पूरे मामले में अडानी पावर प्लांट प्रबंधन ने बातचीत करने से इंकार कर दिया। सीएसआर हेड दीपक कुमार सिंह ने कहा कि आपको जो छापना है छापो, मुझे इन चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता। अब देखना है कि प्लांट की मनमानी के खिलाफ शासन और प्रशासन का क्या एक्शन होगा। कहीं फिर ग्रामीण ठगे ना जाए इस ओर ध्यान देना जरूरी है।