Abdul Kalam’s death anniversary : अखबार बेचने से लेकर मिसाइल बनाने और राष्ट्रपति बनने तक जानिए कैसा रहा A. P. J. Abdul Kalam का जीवन
एपीजे अब्दुल कलाम यह नाम आज भी सभी की जुबान पर रहता है.
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आज भी हर कोई अब्दुल कलाम की बातों और उनके संघर्ष से प्रेरित होता है. अब्दुल कलाम एक अच्छे इंसान होने के साथ-साथ एक अच्छे लेखक, वैज्ञानिक और एक महान विचारक भी थे.
मालूम हो कि वे भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे. आज एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है. आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी हर युवा को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं.
(spent the house by selling newspaper)अखबार बेचकर चलाया घर खर्च
बता दें, महान विचारक एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा नाम डॉ. अबुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को भारत के तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था.
27 जुलाई 2015 में 83 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. उनका जीवन संघर्ष भरा रहा था. बता दें, उनका पढ़ाई से गहरा लगाव था. यही वजह थी कि वह एक वैज्ञानिक और राष्ट्रपति भी बने.
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से वह अखबार भी बेचा करते थे ताकि घर का गुजारा चल सके.
(Why is he called Missile Man)क्यों कहा जाता है मिसाइल मैन?
एपीजे अब्दुल कलाम ने देश की रक्षा में अहम योगदान दिया. उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ भी काम किया,
जिसकी वजह से उन्हें मिसाइल मैन भी कहा जाने लगा. अब्दुल कलाम ने भारत को विश्न शक्ति बनाने के लिए भी कई अहम कदम उठाए.
इसके लिए उन्होंने परमाणु परीक्षणों में से एक पोखरण-II में केंद्रीय भूमिका निभाई थी. इसके साथ ही रक्षा क्षेत्र को आगे लाने के लिए भारतीय बैलिस्टिक मिसाइल और प्रक्षेपण वाहन टेक्नोलॉजी का विकास किया.
उन्होंने कहा था कि अगर किसी देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है तो माता-पिता और गुरु इसके प्रमुख सदस्य हैं