Aam Aadmi Party अफवाह फैलाने की आप की रणनीति!

Aam Aadmi Party

Aam Aadmi Party अफवाह फैलाने की आप की रणनीति!

Aam Aadmi Party एक समय था जब देश के लेफ्ट, लिबरल बुद्धिजीवी आरोप लगाते थे कि आरएसएस और भाजपा अफवाह फैलाने की फैक्टरी हैं। दूसरी ओर संघ और भाजपा का आरोप था कि लेफ्ट, लिबरल बुद्धिजीवी अपनी विचारधारा के अनुकूल नैरेटिव गढ़ते हैं और उसे प्रचारित व स्थापित करते हैं। इस तरह दोनों एक दूसरे पर अफवाह फैलाने के आरोप लगाते थे। लेकिन अब इस काम में आम आदमी पार्टी ने सबको पीछे छोड़ दिया है।

पीत पत्रकारिता करने वालों की तरह आप के नेता किसी भी पार्टी या नेता के बारे में कुछ भी कह देते हैं। प्रेस कांफ्रेंस करके कोई बड़ा दावा कर देंगे और सोशल मीडिया में उसका प्रचार करेंगे, बाद में वह बात पूरी तरह से गलत साबित होती है।

Aam Aadmi Party ताजा मामला दिल्ली प्रदेश भाजपा के सभी जिला अध्यक्षों के इस्तीफे का है। आम आदमी पार्टी के मुख्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि आप की वजह से भाजपा के अंदर ऐसी घबराहट मची है कि उसके सभी जिला अध्यक्षों ने इस्तीफा दे दिया है।

इस बयान के बाद भाजपा हैरान परेशान थी क्योंकि पार्टी अध्यक्ष के पास किसी जिला अध्यक्ष का इस्तीफा नहीं पहुंचा था। हकीकत यह है कि भाजपा के किसी जिला अध्यक्ष का इस्तीफा नहीं हुआ है। इसी तरह पिछले दिनों आप के विधायक दुर्गेश पाठक ने दावा किया कि भाजपा अपने सभी पूर्व पार्षदों की टिकट काट रही है। हकीकत यह है कि पार्टी ने नौ पूर्व मेयर और 52 पूर्व पार्षदों को मैदान में उतारा है।

Aam Aadmi Party इससे पहले गुजरात को लेकर आप के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद कैसी कैसी बातें फैलाई थीं! उन्होंने जून-जुलाई से कहना शुरू किया कि आप से घबरा कर भाजपा समय से पहले चुनाव कराने जा रही है। लेकिन हकीकत यह है कि चुनाव समय पर हो रहे हैं।

केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं ने कई बार कहा कि आप से घबरा कर भाजपा गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को बदलने जा रही है। हकीकत यह है कि अब भी भाजपा सीआर पाटिल की कमान में ही चुनाव लड़ रही है। इस तरह की बातों की सूची काफी लंबी हो सकती है।

मजेदार बात यह है कि आम आदमी पार्टी के नेता कभी पत्रकार बन जाते हैं और पत्रकारों को ही बताते हैं कि उन्हें सूत्रों के हवाले से अमुक खबर मिली है। कभी सैफोलॉजिस्ट बन जाते हैं और बताते हैं कि उनके सर्वे में पता चला है कि अमुक चीज हो रही है।

कभी ज्योतिष बन जाते हैं और दावा करते हैं कि अमुक काम होने जा रहा है। हकीकत यह है कि सूत्रों के हवाले से मिली खबर, सर्वेक्षण से मिले नतीजे और ज्योतिषीय गणना से पता चली बात 90 फीसदी टाइम गलत होती है। वह सिर्फ अफवाह होती है, जिसे राजनीतिक फायदे से लिए प्रचारित किया जाता है। यह कमाल है कि आप ने झूठ फैलाने को सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला रणनीतिक हथियार बना लिया है।

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