Sikhs hit विवेक सक्सेना
Sikhs hit अंग्रेज मुंह से भले ही कुछ न कहते हों मगर जिस संपत्ति के वे लोग मालिक हुआ करते थे आज उनके विशाल घरों व फार्म हाउस को सिख ही खरीद रहे हैं। वहां खालिस्तान का मुद्दा जोर पकडऩे पर सिखों के बीच टकराव बढऩे लगा है। पहले 1971-81 के बीच बड़ी तादाद में जाटो के सिख बनने के बाद उनके गुरूद्वारा आने पर सिखों का उनके साथ टकराव हुआ। खालिस्तान मुद्दा जोर पकडऩे पर कट्टरपंथी सिखों का गुरूद्वारों पर कब्जा बढऩे लगा तो वहां के कई स्थान स्थानों पर उदारवादी सिखों ने उनका जमकर विरोध किया।
Sikhs hit कनाडा में सिखों की अहमियत इतनी ज्यादा है कि वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार सिख नेतृत्व वाली राष्ट्रीय न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के सहयोग से चल रही है। कुछ साल पहले जगमीत सिंह को इसका अध्यक्ष चुना गया था। पेशे से वकील जगमीत सिंह पर आतंकवादियों के मुकदमे लडऩे के आरोप लगते रहे हैं। वहां की संसद में 1.4 फीसदी हिस्सा होने के बावजूद वहां की राजनीति में सिखों की एनडीपी पार्टी का अहम स्थान है। इसके गुरूद्वारों में चढ़ाए गए पैसों की बहुत अहमियत रहती है। गुरूद्वारे वाले वहां के सामाजिक कार्यक्रम जैसे खाना आदि बांटने में बहुत अहम भूमिका अदा करते हैं
Sikhs hit जगमीत सिंह को बचपन में ही उसके मां-बाप ने बता दिया था कि इस देश में उनकी भाषा की इज्जत नहीं की जाती। वे लोग क्यूबेक में रहते थे जहां फ्रेंच बोली जाती थी। जगमीत सिंह को पंजाबी व अंग्रेजी बोलना ही आती थी। बचपन में उनका स्कूल में बहुत मखौल उड़ाते थे। उसने 13 साल की आयु में फ्रेंच सीखना शुरु की। उसका बचपन बहुत संघर्ष में बीता। बड़ा होने पर वह अपने परिवार की मदद के लिए छोटे-मोटे काम करने लगा। उसने कालिज में फीस बढ़ाए जाने का विरोध किया।
Sikhs hit पहले लोग कहते थे कि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। वह पुलिस की मनमानी का विरोध करने के कारण युवा वर्ग में बहुत लोकप्रिय होता गया। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी का अध्यक्ष बनने के लिए उसने मई 2017 में ही अपना अभियान शुरु कर दिया। अक्तूबर में वह पहली बार किसी राष्ट्रीय दल का अध्यक्ष चुना जाने वाला पहला अल्पसंख्यक बना। वहां जो उम्मीदवार अपनी पार्टी के लिए सबसे ज्यादा चंदा इक_ा करता है वहीं अध्यक्ष चुना जाता है। अगले साल उनका गुरुकिरण से विवाह हो गया। उसने जस्टिस ट्रूडो की सरकार चलाने में मदद देनी शुरु कर दी।
Sikhs hit इस पार्टी का गठन 1961 में हुआ था मगर यह पार्टी लोकसभा में कभी भी इतनी सीटें नहीं जीत पायी कि केंद्र में अपनी सरकार बना सके। वह 2011 से 2015 तक लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल व दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। हालांकि उनका वहां कि अल्पमत सरकार पर काफी असर रहा। उसने वहां के 6 राज्यों में अपनी सरकारें बनाई। सन 2021 के लोकसभा चुनाव में वह 25 सीटें जीतकर वहां की चौथी सबसे बड़ी पार्टी बन गई व प्रगतिशील गठबंधन के सदस्य है। वे कनाडियन लेबर कांग्रेस का भी हिस्सा है।
Sikhs hit कोविड-19 महामारी के दौरान एनडीपी ने सरकार पर दबाव डालकर यहां के लोगों की वित्तीय मदद करवाई व सहायता के तमाम अहम कदम उठाए। वहां की स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिए सरकार पर दबाव डालती आयी है। वहां की राजनीति में सिखों का नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी व लिबरल पार्टी पर काफी दबाव है। वहां के सिख काफी पैसे वाले हैं। उनका वेंकूवर, टोरंटो व कैलगरी के गुरूद्वारों पर काफी असर है। मौजूदा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को यहां तक पहुंचाने में उनका ही हाथ रहा है। पहले वहां के लोग पंजाब के हिंदू व सिखों को एक जैसा ही समझते थे मगर बाद में सिखों ने इस पर आपत्ति जताते हुए खुद को हिंदूओं से अलग बनवा दिया।
Sikhs hit सिख काफी मेहनती होते हैं। उन्होंने शुरु में खेतों में काम करने के साथ रेल लाइन बिछाने वाले मजदूरों के रुप में काम किया पर बहुत जल्दी ही उन्हें चीनी व जापानी मजदूरों की तुलना में कहीं ज्यादा पसंद किया जाने लगा। वे मेहनती होने के साथ साथ स्वामीभक्त भी होते थे। फौज में काम करने के कारण वे अंग्रेजों के काफी करीब आ चुके थे। कनाडा में कारों का ज्यादातर कारोबार सिखों के हाथों में ही है। उनके गुरूद्वारों द्वारा जरुरत पडऩे पर लोगों के खाने की सहायता करने व हर साल बड़ी तादाद में रक्तदान शिविर लगाने के कारण वहां की सरकार पर इनका काफी असर है। कनाडा में उन्होंने समाज के हर क्षेत्र में नाम कमाया है।
Sikhs hit हरजोत ओबेराय, संदीप सिंह बराड़, शीना अलंगर वहां के जाने माने शिक्षाविद है। डॉ रंजन जाने माने रोग विशेषज्ञ हैं। बलजीत सिंह चढ्ढा हरबंस सिंह दोमान, जसपाल अटवाल व भाटिया वहां के जाने माने उद्योगपति हैं व व्यापारी हैं। विकास खन्ना जाने माने शैफ रेस्तरा मालिक व मंजीत सिंह टीवी कलाकार व रूपूनी सिंह वहां मोम का म्यूजियम बना रही उद्योगपति हैं। एलेक्स साधा फिल्म निर्माता व हरमीत सिंह सामाजिक कार्यकर्ता है। व्यस्क फिल्म की अभिनेत्री सनी लियोनी कनाडा से ही हैं। वे भी सिख है।
Sikhs hit यूटयूब की जानी मानी हस्तियों, जस रेन, कंवर सिंह व पंजाब फिल्मों की अभिनेत्री नीरू बाजवा व तरूणपाल भी यहीं से है। उपन्यास लेखक गुरूजिंदर, रानी धारीवाल व कामेडियन लिलीसिंह भी जाने माने कलाकार है। फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने हाल ही में वेंकूवर में अपना घर खरीदा है। इसके अलावा कनाडा की संसद व विधानसभा में भी सिख सदस्य है। हरजीत सिंह सज्जन तो वहां के रक्षा मंत्री तक रह चुके हैं। खेलों के क्षेत्रों में वहां के खिलाडिय़ों का अहम स्थान है। इनमें नवराज सिंह बस्सी से लेकर खैरासिंह भुल्लर आदि शामिल है। अंग्रेज मुंह से भले ही कुछ न कहते हों मगर जिस संपत्ति के वे लोग मालिक हुआ करते थे आज उनके विशाल घरों व फार्म हाउस को सिख ही खरीद रहे हैं।
Sikhs hit वहां खालिस्तान का मुद्दा जोर पकडऩे पर सिखों के बीच टकराव बढऩे लगा है। पहले 1971-81 के बीच बड़ी तादाद में जाटो के सिख बनने के बाद उनके गुरूद्वारा आने पर सिखों का उनके साथ टकराव हुआ। खालिस्तान मुद्दा जोर पकडऩे पर कट्टरपंथी सिखों का गुरूद्वारों पर कब्जा बढऩे लगा तो वहां के कई स्थान स्थानों पर उदारवादी सिखों ने उनका जमकर विरोध किया। जब एक दलित गुरूद्वारा बनाया गया तो संत रविदास के नाम पर बनाए गए इस गुरूद्वारे के प्रबधकों में कुछ जाट सिखों के शामिल होने का प्रबंध समिति ने विरोध किया। वे लोग इसे मानवाधिकार आयोग में भी ले गए मगर उन्होंने इसे अल्पसंख्यकों का मामला होने की दलील देते हुए उन लोगों की अपील ठुकरा दी।