Bhatapara : आनंदमय वातावरण में मनाया गया 82 वां प्राकट्य महोत्सव उल्लासपूर्वक

Bhatapara :

राजकुमार मल

 

Bhatapara :  82वां प्राकट्य महोत्सव संपन्न राष्ट्रोत्कर्ष दिवस

 

Bhatapara :  भाटापारा- श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का 82 वां प्राकट्य महोत्सव उल्लासपूर्वक आनंदमय वातावरण में मनाया गया । इस अवसर पर आज मारवाड़ी कुमार शिव मंदिर के विशाल प्रांगण में पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी के तत्वाधान में सनातन धर्म प्रेमी भक्तों की ओर से दिव्य रुद्राभिषेक पूजन आराधना सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ एवं भजन संकीर्तन महा आरती के साथ प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आचार्य पंडित झम्मन शास्त्री जी के पावन सानिध्य में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर  शास्त्री  ने श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए पूज्यपाद शंकराचार्य जी के जीवन दर्शन पर सारगर्भित व्याख्यान में बताया कि भारतवर्ष धन्य है जहां आदि शंकराचार्य भगवान साक्षात प्रकट होकर आज से 2500 वर्ष पूर्व शंकराचार्य परंपरा को देश की एकता अखंडता एवं सुरक्षा के लिए सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रवाहित किया ।इस परंपरा में गोवर्धन पीठ पुरी के 145 वें शंकराचार्य है गुरुदेव भगवान इस पीठ में सन 1992 से अभिषिक्त हैं विगत 34 वर्षों में आप श्री के द्वारा सनातन धर्म संस्कृति तथा देश की एकता सुरक्षा एवं अखंडता के लिए सनातन मान बिंदुओं की रक्षा के लिए जो निरंतर प्रयास किए हैं वह इतिहास में नित्य स्मरणीय रहेगा।

 

उन्होंने अपने संदेशों के माध्यम से हिंदुओं को संगठित होकर धर्म एवं राष्ट्र सुरक्षा के लिए समाज को सुसंस्कृत सुबुद्ध एवं स्वालंबी बनाने तथा मादक द्रव्यों के सेवन एवं दुर्व्यसन मुक्त जीवन यापन के लिए देश में सेवा सत्संग संकीर्तन सद्भावपूर्ण संवाद के साथ संघ बल तथा शास्त्रों के प्रति आस्था को बढ़ाने के लिए ही पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी राष्ट्र उत्कर्ष अभियान आदि संगठनों के द्वारा विभिन्न सेवा प्रकल्प चलाने की प्रेरणा प्रदान कि है।

 

इसी क्रम में अपने मठ मंदिरों को शिक्षा रक्षा सेवा अर्थ एवं धर्म और मोक्ष के केंद्र बनाकर प्रत्येक हिंदू परिवार से एक घंटा एवं एक रुपए निकाले जिसका सदुपयोग इस क्षेत्र को सुबोध एवं स्वावलंबी बनाने के लिए हो । अपने-अपने वर्णाश्रम धाम का जीवन में पालन करें जिससे जीवन में आत्म शांति एवं कल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। इस दिव्य संदेश को उन्होंने पूरे देश के कोने-कोने में प्रसारित किया जिसके फल स्वरुप आज भारत शीघ्र हिंदू राष्ट्र घोषित हो इस महा अभियान के द्वारा महाराज श्री का विश्व स्तर पर यह दिव्य महाभियान चल रहा है और उन्होंने सिद्ध किया है !

 

हमारे शासन तंत्र सनातन परंपरा के अनुसार संचालित हो एवं हमारा संविधान सनातन शास्त्री मर्यादा अनुकूल हो जिससे पूरे विश्व में भारत का नाम प्रतिष्ठित हो और हमारी संस्कृति पूरे विश्व में अलौकिक है हमारे यहां का भोजन वस्त्र आवास शिक्षा स्वास्थ्य यातायात न्याय विवाह की परंपरा परम अलौकिक है और इसकी दर्शन विज्ञान और व्यवहार तीनों दृष्टि से उपयोगिता आज भी परम सिद्ध है शास्त्री जी ने विस्तार पूर्वक वर्णन करते हुए सभी भक्तों से आह्वान किया कि अपने-अपने क्षेत्र में गुरुदेव भगवान के द्वारा निर्देशित संदेशों के अनुसार समाज एवं राष्ट्रीय के लिए अभियान में सम्मिलित होकर जीवन को धन्य बनाएं।

 

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इस अवसर पर मोहन लाल केसरवानी, सत्यनारायण जोशी,नरेश चौबे वीरेंद्र शर्मा,प्रेमचंद भूषणिया, नरेश शर्मा,महेश गुप्ता,गौरव बावला,दीपक राय, सुनील तिवारी हरिहर शर्मा, रवि गुप्ता, पंडित अविनाश पांडे तथा मातृशक्ति में सुशीला वर्मा संगीता चौरसिया, कौशल्या वर्मा,निर्मला वर्मा,गोपेश्वरी यादव,मीना वर्मा,चेतना साहू देवकी वर्मा,अल्का यादव, गौरी सोनी,आशा शर्मा,रानी शर्मा,लता शर्मा,रेणु त्रिवेदी, सरिता शर्मा आदि अनेकों भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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