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Chit Fund : फिर गरमाया चिटफंड का मुद्दा….
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प्रदेश के सियासी गलियारे में एक बार फिर Chit Fund कंपनीज के मुद्दे पर वार-पलटवार
रायपुरः इन दिन प्रदेश के सियासी गलियारे में एक बार फिर Chit Fund कंपनीज के मुद्दे पर वार-पलटवार का दौर एक्टिव है।
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Chit Fund प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने वायदे के मुताबिक प्रदेश की जनता के Chit Fund कंपनीज में डूबी रकम को वापस लौटाने के अभियान में जुटी है तो दूसरी तरफ भाजपा ने सरकार की इस मुहिम पर एक नहीं कई सवाल उठा दिए हैं।
जिसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीधे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनका परिवार पर निशाना साधते हुए उन्हें Chit Fund कंपनियों का ब्रांड एंबेसडर बता दिया है।
Chit Fund सत्ता पक्ष पूछ रहा है कि अगर हम पीड़ितों को पैसा लौटा रहे हैं तो भाजपा को तकलीफ क्यों हो रही है?
छत्तीसगढ़ सरकार Chit Fund कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई का डंडा चला रही है।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने वादे के मुताबिक Chit Fund कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की कर पीड़ितों के पैसे उन्हें लौटा रहे है। अब तक 25 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि पीड़ितों को लौटाया जा चुका है।
लेकिन बीजेपी ने पूरे अभियान पर सवाल उठाते हुए सत्तापक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
बीजेपी ने पूछा कि Chit Fund कम्पनियों की संपत्ति किसे और किस दाम पर बेची जा रही है इसकी जांच होनी चाहिए।
साथ ही दावा किया कि साढे तीन लाख लोगों से आवेदन मंगाकर दस हजार लोगों को भी पैसा वापस नहीं किया गया है।
Chit Fund कंपनियों के बहाने विपक्ष ने आरोपों और सवालों की झड़ी लगाई तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा संभालते हए बीजेपी और पूर्व सीएम रमन सिंह को ही कठघरे में खड़ा कर दिया.
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सीएम ने रमन सरकार और उनका परिवार चिटफंड कंपनियों का ब्रांड एंबेसडर करार देते हुए पूरे मामले की ED से जांच कराने की मांग की।
सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि रमन राज में रोजगार मेले लगाकर लोगों से पैसे जमा करवाएं गए। जबकि हमारी सरकार लोगों के पैसे वापस दिलाने की कोशिश कर रही है।
प्रदेश में Chit Fund के मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप की सियासत नयी नहीं है Chit Fund कंपनियों के धोखे के शिकार हजारों लोगों को अपने पक्ष में खड़ा करने बीजेपी और कांग्रेस वक्त-वक्त पर दांव चलते रहे हैं।
ऐसे में Chit Fund कंपनियों के फंदे से प्रदेश की जनता पूरी तरह से बाहर निकल पाती है या ये केवल सियासी मुद्दा बनकर रह जाता है देखना होगा।