5G service Launch : 5G के आने से क्या बदलेगा, आपके हाथ में टेक्नोलॉजी कब तक रहेगी और आपको कितना भुगतान करना होगा? जानिए सब कुछ
5G service Launch : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पहली बार 5जी इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल कर इतिहास रचने जा रहे हैं। ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2022’ के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी 5जी तकनीक का करेंगे शुभारंभ
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यह पहली बार है जब देश में कहीं भी 5G का सफलतापूर्वक उपयोग किया जाएगा।
5G service Launch :ऐसे में ये जानना जरूरी है कि आखिर 5G क्या है? इस स्पेक्ट्रम नीलामी में किसे मिला? 5जी के आने से क्या फर्क पड़ेगा? क्या इसके आने के बाद महंगे हो जाएंगे डेटा प्लान?
आम उपभोक्ता को 5जी सेवाएं कब से मिलने लगेंगी? 5जी स्पीड के अलावा और क्या सुविधाएं मिलेंगी?
5जी क्या है?
5G service Launch :आसान शब्दों में कहें तो 5G सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है, जिसके तहत इंटरनेट की स्पीड सबसे तेज होगी। इसमें अधिक विश्वसनीयता होगी और पहले की तुलना में अधिक नेटवर्क को संभालने की क्षमता होगी।
इसके अलावा इसकी उपस्थिति का क्षेत्र अधिक होगा और अनुभव भी उपयोगकर्ता के अनुकूल होगा। 5G की सबसे खास बात यह है कि यह लो फ्रिक्वेंसी बैंड से लेकर हाई बैंड तक की वेव्स में काम करेगा। यानी इसका नेटवर्क ज्यादा व्यापक और हाई स्पीड वाला होगा।
5जी के आने से क्या फर्क पड़ेगा?
4जी के मुकाबले यूजर को 5जी में ज्यादा तकनीकी सुविधाएं मिलेंगी। 4जी में इंटरनेट डाउनलोड स्पीड 150 मेगाबाइट प्रति सेकेंड तक सीमित है। 5जी में यह 10 जीबी प्रति सेकेंड तक जा सकता है।
उपयोगकर्ता कुछ ही सेकंड में सबसे भारी फ़ाइलों को भी डाउनलोड करने में सक्षम होंगे। 5जी में अपलोड स्पीड भी 1 जीबी प्रति सेकेंड तक होगी, जो 4जी नेटवर्क में सिर्फ 50 एमबीपीएस तक है।
वहीं, 4जी के मुकाबले 5जी नेटवर्क की रेंज ज्यादा होने के कारण यह स्पीड को कम किए बिना कई और डिवाइस से कनेक्ट हो पाएगा।
क्या इसके आने के बाद महंगे हो जाएंगे डेटा प्लान?
यूजर्स के लिए सबसे बड़ा सवाल 5जी इंटरनेट के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है। चूंकि भारत में स्पेक्ट्रम की नीलामी कुछ समय पहले ही पूरी हो चुकी है, ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां जल्द ही अपने प्लान की जानकारी दे सकती हैं।
हालांकि, नई तकनीक लाने की लागत के कारण, 5G सेवा की कीमत 4G से अधिक होने की उम्मीद है।
4जी और 5जी की कीमतों में अंतर अगर उन देशों में देखा जाए जहां 5जी सेवाएं शुरू की गई हैं तो यह बात सामने आती है कि अमेरिका में 4जी अनलिमिटेड सेवाओं के लिए जहां 68 डॉलर (करीब पांच हजार रुपये) तक की जरूरत होती थी। खर्च किया जाए।
वहीं, 5जी में यह अंतर बढ़कर 89 डॉलर (करीब 6500 रुपये) हो गया है। यह अंतर अलग-अलग योजनाओं के तहत अलग-अलग होता है। 5जी प्लान 4जी से 10 से 30 फीसदी ज्यादा महंगे हैं।
हालाँकि, यह अंतर भारत में बहुत कम होने की उम्मीद है, क्योंकि भारत में डेटा की लागत पिछले कुछ वर्षों में दुनिया में सबसे कम रही है। इस साल मार्च में एयरटेल के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) रणदीप सेखों ने कहा था कि 5जी प्लान को 4जी के आसपास रखा जाएगा।
मोबाइल कंपनी नोकिया इंडिया के सीटीओ रणदीप रैना ने भी एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत में 5जी के शुरुआती रोलआउट के लिए प्लान्स की कीमतें कम रखी जाएंगी।
आम उपभोक्ता को 5जी सेवाएं कब से मिलने लगेंगी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सितंबर से ही टेस्टिंग के लिए 12 शहरों में 5जी सेवाएं शुरू हो जाएंगी। हालांकि, इसे पूरे भारत में पहुंचने में 2023 की पहली तिमाही तक का समय लग सकता है।
रिलायंस ने इस दिवाली तक दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे महानगरों में इस दिवाली तक 5जी सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है। कंपनी ने दिसंबर 2023 तक देश के हर शहर, हर तालुका में 5जी सेवाएं देने की बात कही है।
5जी स्पीड के अलावा और क्या सुविधाएं मिलेंगी?
5जी के लॉन्च के साथ हमारे जीवन, कारोबार और हमारे काम करने के तरीके को बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं। वास्तव में, उन्नत तकनीक और 5G की उच्च क्षमता सब कुछ जोड़ देगी – घर, चालक रहित कार,
स्मार्ट ऑफिस, स्मार्ट सिटी और एडवांस्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। कई मायनों में, 5G नेटवर्क वे सभी बेहतर और असंभव बदलाव करते हैं जिनके बारे में हम अक्सर तकनीक के साथ सोचते हैं।
उम्मीद है कि 5G तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभाएगी – खासकर अस्पतालों, हवाई अड्डों और डेटा संग्रह में। वायरलेस तकनीक की अगली पीढ़ी सिर्फ फोन तक ही सीमित नहीं रहेगी।
क्या आपके पड़ोस में 5G सेवाओं के लिए और टावर होंगे?
5जी की एक खास बात यह है कि यह उन्हीं रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करेगा, जिन पर मौजूदा मोबाइल डेटा, वाई-फाई और सैटेलाइट संचार चल रहे हैं। यानी टेलीकॉम कंपनियां 5जी नेटवर्क के लिए आपके पड़ोस में कोई अतिरिक्त टावर नहीं लगाएंगी।
किन कंपनियों को मिला कौन सा स्पेक्ट्रम?
दूरसंचार विभाग ने 20 साल के लिए कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी में रखा। रिलायंस जियो इंफोकॉम ने स्पेक्ट्रम नीलामी में सबसे ज्यादा बोली जीती है।
रिलायंस ने कुल 24,740 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। रिलायंस ने 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई।
भारती एयरटेल स्पेक्ट्रम खरीदने की होड़ में दूसरे नंबर पर थी। भारती एयरटेल ने 19,867 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है। वहीं, Vodafone-Idea ने 6228Mhz स्पेक्ट्रम खरीदा है।
अडानी डेटा नेटवर्क्स, जो दूरसंचार की दुनिया में अपना पहला प्रवेश कर रहा है, ने 26Ghz एयरवेव स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाकर 400Mhz स्पेक्ट्रम खरीदा है। बता दें कि देश में पहली बार 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई से शुरू हुई थी, जो 1 अगस्त 2022 को खत्म हुई थी.
इससे पहले 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान कुल 77815 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। अब 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान स्पेक्ट्रम नीलामी से सरकार की आय लगभग दोगुनी हो गई है।
5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान कंपनियों ने 1,50,173 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाई है।