5 July, Raipur : रायपुर के 3 काॅलेजों में ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेमेस्टर तरीके से होगी ; साल में दो बार होगी परीक्षा

Raipur के 3 काॅलेजों में ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेमेस्टर तरीके से होगी
  1. Raipur के 3 काॅलेजों में ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेमेस्टर तरीके से होगी

  2. Raipur छत्तीसगढ़ कॉलेज व डिग्री गर्ल्स कॉलेज कालीबाड़ी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेमेस्टर के फार्मूले से होगी

 

Raipur छत्तीसगढ़ कॉलेज व डिग्री गर्ल्स कॉलेज कालीबाड़ी में ग्रेजुएशन की पढ़ाई सेमेस्टर के फार्मूले से होगी।

Raipur इसका अर्थ है कि कुछ दिन के सेमेस्टर ब्रेक को छोड़कर सालभर पढ़ाई होगी। यही नहीं, छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देनी होगी। राज्य के ऑटोनोमस कॉलेजों में इसी सत्र से नया फार्मूला लागू किया जाएगा।

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Raipur इसके लिए तैयारी की जा रही है। अभी बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे कोर्स की पढ़ाई एनुअल पैटर्न से होती है।

अफसरों का कहना है कि ऑटोनोमस कॉलेजों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ग्रेजुएशन में सेमेस्टर और च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) को लागू करने की तैयारी की जा रही है।

अगले साल से राज्य के अन्य कॉलेजों में भी यही फार्मूला लागू किया जा सकता है।

सेमेस्टर के अनुसार ग्रेजुएशन का कोर्स को तैयार किया जा रहा है। 15 जुलाई तक कोर्स तैयार हो जाएगा। इसे वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा।

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छात्र जब प्रवेश लेंगे तो उन्हें पहले से पता होगा कि इस बार किस फार्मूले से पढ़ाई होगी।

अभी राज्य के दो कॉलेजों में ग्रेजुएशन की पढ़ाई ऑटोनोमस से है,

दोनों कॉलेज बिलासपुर में हैं। इन्हें छोड़कर उच्च शिक्षा से जुड़े करीब चार सौ से अधिक कॉलेजों में बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे कोर्स की पढ़ाई एनुअल पैटर्न में है।

अब प्रदेश 8 ऑटोनोमस कॉलेज हैं।

यानी पूरा कोर्स साल में अनुसार बंटा है। साल में एक बार वार्षिक
परीक्षा होती है। सेमेस्टर होने से छह-छह महीने में कोर्स बंटेगा। साल में दो बार परीक्षा भी होगी।

ग्रेजुएशन व पीजी का कोर्स एक साथ मिलाकर चार साल करने की तैयारी की जा रही है। अभी ग्रेजुएशन तीन साल और दो साल की पीजी होती है। यानी बारहवीं के बाद पीजी करने में पांच साल लगते हैं।

लेकिन नए कोर्स के अनुसार बारहवीं के बाद छात्र चार साल में ही पीजी पूरी कर लेंगे। नए सत्र में यह फार्मूला भी लागू करने की तैयारी की जा रही है।

कुछ साल पहले तक राज्य में 11 ऑटोनोमस यानी स्वशासी कॉलेज थे।

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लेकिन तीन कॉलेजों के पास से ऑटोनोमस का दर्जा हट गया है। अब आठ ऑटोनोमस कॉलेज हैं। इनमें शासकीय नागार्जून स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय (साइंस कॉलेज रायपुर),

शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय रायपुर (डिग्री गर्ल्स कॉलेज), शासकीय जे.योगानंदम छत्तीसगढ़ स्नातकोत्तर महाविद्यालय (छत्तीसगढ़ कॉलेज),

शासकीय विश्वनाथ तामस्कर कला / विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग,

शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजनांदगांव, शासकीय ई.राघवेंद्रराव स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय बिलासपुर, शासकीय बिलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर, शासकीय राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर।

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सेमेस्टर लागू करने में चुनौतियां, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से परेशानी
रविवि व अन्य राजकीय विवि में पीजी में नियमित छात्रों की पढ़ाई पहले से ही सेमेस्टर फार्मूले से होती है।

विवि अध्ययनशाला में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम भी लागू है। जानकारों का कहना है सेमेस्टर सालभर के पूरे कोर्स को दो बार में बांट देते हैं। छात्रों के लिए यह अच्छा है।

लेकिन चुनौतियां भी काफी है।

इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से परेशानी बढ़ सकती है। खासकर गर्मी के दिनों जहां संसाधनों की कमी है।

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